जहां माता सीता प्रकट हुई थीं उस पुरौन धाम में भी माता सीता का भव्य मंदिर बनना चाहिए.
इसके बनावट की भी सरकार को प्रबंध करनी चाहिए. हम लोग श्री राम वाले लोग नहीं हैं, हम लोग सियाराम वाले लोग हैं.वहीं, बिहार में आरजेडी नेता रघुवंश सिंह के निधन के बाद राजपूत समाज के एक कद्दावर नेता आनंद मोहन से महागठबंधन की आशाएं अब जुड़ी हुई हैं, 2024 के लोकसभा चुनाव में आनंद मोहन की रिहाई से महागठबंधन को कितना लाभ मिलेगा, ये तो चुनाव बाद ही पता चलेगा, लेकिन 2024 की चुनावी समर की तैयारियों में महागठबंधन और बीजेपी अभी से जुट गई है.बता दें कि डीएम जी. कृष्णैया की कत्ल 5 दिसंबर 1994 को हुई थी. आनंद मोहन सिंह पर यह इल्जाम साबित हुआ था कि इन्होंने भीड़ को उकसाया. इस घटना में आनंद मोहन को मृत्यु की सजा सुनाई थी. बाद में पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने सजा को उम्रकैद में बदल दिया. आनंद मोहन ने इस मामले में 17 वर्ष जेल में बिताए और बीते दिनों ही जेल से रिहा हुए थे. आनंद मोहन की रिहाई के बाद निरंतर बीजेपी नीतीश सरकार को भी घेरने में लगी थी. इस बीच जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी सुप्रीम कोर्ट आ गईं हैं.