साहेबगंज के एक-एक व्यक्ति के मान-सम्मान की लड़ाई हम लड़ते रहे हैं!
जिसका परिणामस्वरूप हमने स्व. मनन बाबू, भोला बाबू जैसे अभिभावकों को खोया है!"अपने फेसबुक पोस्ट में राजू सिंह ने आगे लिखा कि- "पूर्व मंत्री वृषण पटेल जी जैसे नेता भले भूल गए हों, उनके ही पोलिंग एजेंट ठेंगपुर निवासी स्व. ऊधो भगत, वीरेंद्र भगत की बहदीनपुर बूथ पर इसी तुलसी राय ने कत्ल कर दी थी. देवरिया के मरहूम शहबान खान, स्वं वीरेंद्र भगत (खाद व्यवसायी), ऊस्ती निवासी स्व. जयनारायण सिंह, स्वं शंभू बाबू, खेमकरणा निवासी रवींद्र सिंह जैसे अनेकों वीरो की शहादत भले उनके परिवार वालों, सगे संबंधी भूल गए हों, मैं नहीं भूलूंगा!"मैं आप सबों के बीच क्षेत्र में ही हूं! आप सब के मान-सम्मान और हिफाजत के लिए ऐसे एक नहीं 1000 रोड छाप गुंडे से भी लड़ना पड़ेगा तो मैं कभी पीछे न रहा हूं न रहूंगा. साहेबगंज के सम्मान और हिफाजत की लड़ाई में जेल जाना पड़े या सूली चढ़ जाना पड़े, मैं हर परिणाम भुगतने के लिए तैयार हूं. महागठबंधन की जिद्दी सरकार जंगलराज के पुरोधाओं, आकाओं के हठ के आगे नतमस्तक है जिसके वजह मेरे दिल में बसने वाले लोगों को अकारण व्याकुल करने का यह बिहार की निकम्मी सरकार शपथ ले रखी है!"राजू सिंह ने बोला कि आज जब सत्ता बदली है तो बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है. जनता के लिए बोला कि जब तक आप लोग मेरे साथ हैं मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. अगर शेर के पंजे में कांटा फंस जाए तो उसका तात्पर्य ये नहीं कि अब कुत्ते राज करेंगे. मीडिया के सामने साहेबगंज के लोगों से नजर मिलाने के लिये चैलेंज करने, ईंट से ईंट बजाने की बात करने वाले, मीडिया के सामने मुंह फाड़ने वाले के सारे बयानों पर पूरी नजर है. ऐसे बहरूपिया की धमकी से घबराना नहीं है. बहुत जल्द आप सबके बीच पहले की तरह उपस्थित रहूंगा. पोल खोलूंगा.