कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरह बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं राजद नेता तेजस्वी यादव की मानहानि विषय में कठिनाई बढ़ सकती हैं। अहमदाबाद के सिटी कोर्ट में तेजस्वी के खिलाफ दर्ज मानहानि के मुकदमे में आज 1 मई को सुनवाई होगी। तेजस्वी ने गत दिनों में यह कहा था कि इस देश में सिर्फ गुजराती फरेबी हो सकते हैं, एलआईसी, बैंक का पैसा दे दो पिफर वो लेकर भाग जाएंगे।इसपर, अहमदाबाद के हरेश प्राणशंकर मेहता ने आईपीसी की धारा 499 व 500 के तहत तेजस्वी यादव के विरुद्ध मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। इन्होंने अहमदाबाद एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में अपनी शिकायत में लिखा है कि विगत दिनों तेजस्वी ने गुजरातियों के लिए मानहानि कारक टिप्पणी की थी।मीडिया के समक्ष दिये बयान में तेजस्वी ने यह बताया था कि जो भी दो फरेबी है ना, ठगी को अनुमति है आज देश के हालात में देखा जाए तो सिर्फ गुजराती ही फरेब हो सकते हैं। उसके फरेब को माफ किया जाएगा। एलआईसी का पैसा देदो, बैंकों का पैसा दे दो, पिफर वो लोग लेके भाग जाएगा, तो कौन जिम्मेदार हो सकता। शिकायतकर्ता ने तेजस्वी के इस बयान को गुजरातियों का अपमान बताते हुए कहा है कि फरेबी अर्थात बदमाश, धूर्त, लुच्चा और अपराधी व्यक्ति। गुजरातियों के लिए ऐसे निम्न स्तर के शब्द का उच्चारण किया गया है। तेजस्वी यादव ने सार्वजनिक रुप से गुजरातियों को अपमान किया है। ऐसे बयान देने से गुजरात से बाहर गुजरातियों को लोग शंका की नजर से देखने लगेंगे। गौरतलब है कि मोदी सरनेम पर टिप्पणी को लेकर मानहानि के मामले में गुजरात की सूरत कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई गई है। राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा के पहले मंत्री एवं मोढ वणिक समाज सेवा के नेता पूर्णेश मोदी ने 2019 में मोदी उपनाम को लेकर दिये गये चर्चा को लेकर बुराई की थी। दो साल की सजा के चलते राहुल गांधी की लोकसभा की समझौता भी चली गई है।