कथा के दूसरे दिन रविवार को धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि बेहद भीड़ हो गई है. पागल ही पागल आ गए हैं. निरंतर दस लाख लोग आ गए हैं.
हमें चिंता हो रहा है कि कई लोगों की सांस रुक जाएगी. मन में ऐसा लग रहा है.
एक या दो लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. कथा वही है जिसमें तकलीफ न हो. बिहार के जितने भी लोग हैं वो घर से ही कथा सुनें. सोशल मीडिया के माध्यम से सुनें. कथा पंडाल में नहीं आना है. मैं आप सबका उपकार कभी नहीं भूलूंगा.दिव्य दरबार को बीच में ही रद्द करने के पीछे की वजह पर हम बात करें तो भीषण गर्मी को देखते हुए ये न्याय लिया गया है. बता दें कि रविवार को बाबा के दरबार में ज्यादा गर्मी की वजह से कई लोगों को तबीयत खराब हो गई थी. कई लोग बेहोश हो गए थे. भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा था. बहरहाल सोमवार को बाबा का दिव्य दरबार नहीं लगाने का न्याय किया गया है. बाबा बागेश्वर ने रविवार (14 मई) को कथा के अंत में खुद ही बोले थे कि गर्मी के वजह आज भी बहुत ज्यादा सफोकेशन हो रहा है. सांस लेने में तकलीफ हो रही है. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि रोड जाम हो गया है. तीनों पंडाल में लोगों की भीड़ जुटी है. बागेश्वर बाबा ने सोमवार को लगने वाले दिव्य दरबार को लेकर बोले थे कि अगर ज्यादा लोग रहेंगे तो विश्राम रहेगा.