संवाद
बिहार राज्य के 20 जिलों में जमीन के सर्वे का काम अब जल्द साकार हो सकेगा। सर्वे कार्य में लगाए जाने वाले सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, कानूनगो की ऑनलाइन ट्रेनिंग पूरी हो गई है।
राजस्व विभाग इसी महीने सभी नव चयनित कर्मचारियों को जिलों से लेकर प्रखंडों तक तैनात करेगा।
खास बात यह है कि छह हजार तीन सौ कर्मियों के साथ पहली बार जमीन का सर्वे होगा। सर्वे में अमीनों के अलावा 550 कानूनगो, विशेष सर्वेक्षण लिपिकों के आलावा 275 सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी भी शामिल होंगे। भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक जय सिंह के मुताबिक विशेष सर्वेक्षण लिपिकों का प्रशिक्षण अगले सप्ताह से ऑनलाइन होगा। ऑनलाइन ट्रेनिंग लेने वाले सभी कर्मियों की नियुक्ति के बाद फील्ड ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद दक्षता परीक्षा ली जाएगी। सफल अभ्यर्थियों को काम का मौका दिया जाएगा।
पहले चरण में इन जिलों में होगा सर्वे
अररिया, अरवल, कटिहार, किशनगंज, खगड़िया, जमुई, शिवहर, शेखपुरा, सहरसा, सीतामढ़ी, जहानाबाद, नालनदा, चंपारण, पूर्णिया, बांका, बेगूसराय, मधेपुरा, मुंगेर, लखीसराय और सुपौल।
सर्वे का महत्व
इस सर्वे से जमीन का नया खतियान बनेगा। साथ ही जमीन का नया मानचित्र भी आएगा। इस मानचित्र को डिजिटल प्रारूप में रखा जाएगा और हर खरीद बिक्री के बाद खतियान निरंतर अपडेट होता रहेगा। हर खतियान की चार कॉपी बनेगी, जिसमें एक कॉपी रैयत को दूसरा अंचलाधिकारी को तीसरा जिलाधिकारी और चौथा भू अभिलेख विभाग निदेशालय के पास सुरक्षित रहेगा। सर्वे के बाद जमीन के खतियान की हार्ड कॉपी और डिजिटल कॉपी भी तैयार होगी। दरअसल, राज्य में कैडेस्ट्रेल सर्वे के बाद कुछ जिलों में ही रिविजनल सर्वे हो पाया था। इसलिए अधिकतर जिलों में सर्वे का काम लंबे समय से रुका पड़ा है। इस सर्वे का महत्व यह है कि इससे जमीन की अवैध खरीद बिक्री पर रोक लग जाएगी। फर्जीवाड़ा नहीं हो पाएगा और जमीन के वास्तविक मालिकों का तुरंत पता चल पाएगा ।
बरसात में होगी कठिनाई
विभाग का प्रयास है कि जुलाई में इन अफसरों की तैनाती के बाद सर्वे काम शुरू किया जाए, लेकिन इसके बाद बरसात के मौसम में सर्वे कार्य कठिनाई हो सकती है।
ये होंगे फायदे
जमीन का नया खतियान बनेगा
जमीन की अवैध खरीद बिक्री पर रोक लगेगी
जमीन के वास्तविक मालिकों का तुरंत पता चल पाएगा
हर खरीद बिक्री के बाद खतियान निरंतर अपडेट होता रहेगा