डॉक्टर्स का कहना है कि निरंतर खराब सड़कों पर प्रतिदिन 20-25 किमी चलने के वजह ये तकली हुई है, उनका सलाह है कि 15-20 दिन पैरों को आराम दिया जाए, इसलिए यात्रा को निलंबित करना पड़ रहा है. यात्रा फिर से इसी स्वरूप में 11 जून को मोरवा के इसी मैदान से शुरू होगी और जैसे चल रही थी, वैसे चलती रहेगी. प्रशांत किशोर जन सुराज पदयात्रा के माध्यम से 2 अक्तूबर 2022 से निरंतर बिहार के गांवों में पैदल चल रहे हैं. उस वक्त उन्होंने 2500 किमी से अधिक की दूरी तय करते हुए पश्चिम चंपारण से चलकर शिवहर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली होते हुए 11 मई को समस्तीपुर जिले में प्रवेश किया. इसके बाद पैरों में कठिनाई आने के वजह डाक्टरों से सलाह ली गई और यात्रा को कुछ दिनों तक निलंबित करने का न्याय सर्वसम्मति से जन सुराज से जुड़े लोगों द्वारा लिया गया.
प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर से पदयात्रा में चलना शुरू किया था.
उन्होंने कहा कि तब से यह यात्रा नहीं रुकी एक कदम भी गाड़ी नहीं ली है. कितने गांव तक गए इसमें ज्यादा जोर इस पदयात्रा की पवित्रता और शुद्धता को बनाए रखना है. इसी कारण से पदयात्रा में हम गाड़ी उपयोग नहीं करते हैं या कभी ब्रेक नहीं लेते हैं आज पहली बार ब्रेक लिया जा रहा है तो इसकी वजह बताना भी जरूरी है. इन्होंने कहा कि वे पूरी तरह तंदुरुस्त हैं लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक लंबे वक्त तक खराब सड़कों पर चलने से मांसपेशियों में तकलीफ आ गई है. इसलिए डॉक्टरों की राय पर पदयात्रा को निलंबित कर रहा हूं और फिर इसी फॉरमेट में इस पदयात्रा को इसी जगह से प्रारंभ कर दिया जाएगा.