मोबाइल फोन की छीन-झपट अब पूरी तरह समाप्त हो सकती है। मंगलवार को संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव संचार साथी पोर्टल की शुरुआत करने जा रहे हैं और इस पोर्टल के माध्यम से कोई भी अपने मोबाइल फोन को ब्लॉक कर सकता है।
इस पोर्टल पर मोबाइल की चोरी की जानकारी दे सकेंगे और उसे ट्रैक भी किया जा सकेगा। ब्लॉक होने के बाद उस मोबाइल फोन को देश के किसी हिस्से में इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा क्योंकि सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स के पास उस मोबाइल की जानकारी पहुंच जाएगी।
मोबाइल फोन के वापस मिल जाने पर पोर्टल पर जाकर फोन को फिर से चालू भी करवा सकेंगे। इस पोर्टल के व्यापक इस्तेमाल से चोरी के मोबाइल को इस्तेमाल करना आसान नहीं होगा। पोर्टल पर जाकर लॉगइन करके इस प्रकार की तमाम सुविधाओं को हासिल कर सकते हैं।
संचार साथी पोर्टल के माध्यम से कोई भी व्यक्ति यह भी जान सकेगा कि उसके नाम पर मोबाइल फोन के कितने कनेक्शन हैं।
एक व्यक्ति अधिकतम नौ कनेक्शन ले सकता है
कई बार दूसरे के नाम पर मोबाइल फोन का कनेक्शन लेकर लोग गलत काम को अंजाम देते हैं और जिनके नाम पर फोन का कनेक्शन होता है, उसे कोई जानकारी नहीं होती है और उसके फंसने तक की नौबत आ जाती है।
ग्राहकों की इस सुरक्षा के लिए संचार साथी पोर्टल पर टेलीकॉम एनॉलिटिक्स फॉर फ्राड मैनेजमेंट एंड कंज्यूमर प्रोटेक्शन (टैफकॉप) सेवा को जोड़ा गया है। अभी एक व्यक्ति अधिकतम नौ कनेक्शन ले सकता है।
इसलिए कई बार फर्जीवाड़ा करने वाले दूसरे के नाम से कनेक्शन जारी करवा लेते हैं। अगर उपभोक्ता को पता चलता है कि ऐसे कनेक्शन भी उसके नाम पर चल रहे हैं जिनका वह इस्तेमाल नहीं कर रहा है तो उस कनेक्शन को वह कटवा सकता है और इसकी जानकारी संचार पोर्टल दे सकता है।
संचार साथी पोर्टल की मदद से नए या सेकेंड हैंड मोबाइल फोन की सत्यता की जांच की जा सकेगी। अभी सेकेंड हैंड मोबाइल फोन खरीदने के दौरान यह पता नहीं चल पाता है कि वह मोबाइल चोरी का है या नहीं। इस पोर्टल के माध्यम से ग्राहकों को संचार संबंधी सभी उपयोगी जानकारी दी जाएगी ताकि वे अपडेट रह सके।