केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में बड़े फैसलों पर मुहर लगी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि कैबिनेट ने तय किया है कि सरकार खाद के दाम नहीं बढ़ाएगी।
कैबिनेट ने खरीफ सीजन के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपए की उर्वरक सब्सिडी को मंजूरी दी है। सरकार यूरिया के लिए 70,000 करोड़ रुपए और डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) के लिए 38,000 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
मंत्री मनसुख मंडाविया ने आगे बताया कि हमारी सरकार के लिए यह जरूरी है कि देश के किसानों को समय पर खाद मिले और अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद के दाम में अंतर होने पर बोझ न उठाना पड़े। पिछले साल सरकार के बजट में उर्वरक सब्सिडी पर 2.56 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए।
नहीं बढ़ेगी खाद की कीमत
केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि देश में 325 से 350 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपयोग होता है। 100 से 125 लाख मीट्रिक टन डीएपी और एनपीके को उपयोग होता है। 50-60 लाख मीट्रिक टन एमओपी का इस्तेमाल होता है।
किसानों को समय पर खाद मिले, इसके लिए मोदी सरकार ने सब्सिडी बढ़ाई पर एमआरपी नहीं बढ़े। खरीफ फसलों के लिए सरकार ने तय किया है कि भारत सरकार खाद की कीमत नहीं बढ़ाएगी।