भ्रष्टाचार के मामले उजागर करने के वजह इन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है.
संविधान में राष्ट्रीय राजधानी की खास स्थिति का ध्यान रखते हुए दिल्ली को केंद्र शासित बनाया गया जो सीधे राष्ट्रपति से शासित होता है. इन्होंने बोला कि दुनिया में वाशिंगटन डीसी, ओटावा, पेरिस और बर्लिन जैसी बड़ी राजधानियां भी दिल्ली की तरह केंद्र शासित हैं.आगे सुशील मोदी ने बोला कि दिल्ली में संसद, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति भवन और विदेशी दूतावास होने की कारण से इसे पूर्ण राज्य नहीं बनाया गया है. दिल्ली के अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए राष्ट्रीय राजधानी प्रशासनिक सेवा प्राधिकरण (NCCSA) गठित करने के लिए अध्यादेश लाना पूरी तरह संवैधानिक कदम है. एक भ्रष्टाचार-पोषक मुख्यमंत्री की मनमानी से सत्यनिष्ठ अधिकारियों को बचाने वाला अध्यादेश कानून भी बनेगा और जेडीयू-कांग्रेस के दोस्त इसे राज्यसभा में पारित होने से नहीं रोक पाएंगे.इन्होंने बोला कि किसी पूर्ण राज्य की निर्वाचित सरकार को ट्रांसफर-पोस्टिंग का जैसा पूर्ण हक होता है, वैसा ही अधिकार केंद्र शासित दिल्ली की सरकार को देने के सुप्रीम कोर्ट के न्याय की कॉपी मिलने से पहले ही केजरीवाल ने जो मनमानी प्रारंभ कर दी थी, उसे देखते हुए एक अध्यादेश लाना जरूरी हो गया था.