आनंद मोहन के छुटने के बाद से बिहार की सियासत गर्म है. इसी का परिणाम रहा कि स्थानीय बीजेपी सांसद प्रदीप कुमार सिंह और दो बीजेपी विधायकों ने उनके साथ प्रोग्राम में मंच साझा नहीं किया. दरअसल बता दें कि बुधवार को अररिया जिले के फारबिसगंज के फैंसी मार्केट में बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा का अनावरण उत्स था. उसी में आनंद मोहन सिंह और इनकी पत्नी लवली आनंद पहुंचीं थीं. जिला क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्रोग्राम का बंदोबस्त हुआ.पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह ने अनावरण प्रोग्राम के वक्त अपने संबोधन में बाबू वीर कुंवर सिंह के योगदान को याद करते हुए कहा कि वे स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से हैं.
प्रचारित मामले का चर्चा करते हुए कहा कि आईएएस जी कृष्णैया हत्याकांड में वे बेकसूर हैं.
उसके बावजूद सजा काट कर आए हैं जबकि उनके साथ हत्याकांड में सात लोगों को आजीवन कारावास की दंड मिली थी, लेकिन छह लोग छूट गए. उन्होंने उस दंड की सजा काटी जो उन्होंने किया ही नहीं. इन्होंने कहा कि जी कृष्णैया हत्याकांड और उन्हें जेल से छोड़े जाने को लेकर वर्तमान दौर में नीति दल के नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए कई तरह के वर्णन दे रहे हैं.आनंद मोहन ने कहा कि किसी ने यह जानने की प्रयत्न नहीं कि आज तक कि जी कृष्णैया की कत्ल क्यों हुई थी. इन्होंने बोला कि यह देश किसी के बाप का नहीं है, बल्कि सबों के खून से सींचा गया चमन भारत है. आनंद मोहन ने दो नेताओं का नाम लिया. बताया कि अगर उनके बारे में जानना चाहते हैं, तो लालकृष्ण आडवाणी और नवीन पटनायक से पूछिए कि वो क्या चीज हैं. कहा कि वह हमेशा सिद्धांत उसूल की लड़ाई लड़ने वाले व्यक्ति रहे हैं.आनंद मोहन सिंह ने कहा कि लवली आनंद ने संसद में चिल्ला-चिल्ला इस मामले की सीबीआई छानबीन की मांग की थी और कहा था कि अगर मेरे पति अपराधी हैं तो उन्हें फांसी दे दीजिए पर सीबीआई जांच-पड़ताल नहीं हुई थी.