आज बिहार की इस हालत के लिए कांग्रेस, लालू, नीतीश और बीजेपी सभी उत्तरदायी हैं.
प्रशांत किशोर ने कहा कि वोट किसी नेता को नहीं, दल को नहीं, जाति-धर्म को नहीं वोट अपने बच्चों के लिए देना है. अपने अगर बच्चों की फिक्र आप नहीं करेंगे तो कोई दल या कोई नेता आपके बच्चों की फिक्र क्यों करेगा? आपके बच्चे पढ़-लिखकर घर में बेरोजगार बैठा है. दूसरे राज्यों में 10-15 हजार की मजदूरी कर रहा है, लेकिन आपको अपने बच्चों की फिक्र नहीं है, आपको उनके आने वाले भविष्य की फिक्र नहीं है. आज आपको फिक्र है भारत-पाकिस्तान का, हिंदू-मुसलमान का तो बिहार की हालत कभी नहीं अच्छी हो सकती है.आगे चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि आपने हमने वोट दिया है राम मंदिर बनाने के नाम पर तो बिहार में नाली-गली, स्कूल, फैक्ट्री बने या नहीं बने लेकिन अयोध्या में राम मंदिर बन ही रहा है. आपने हमने वोट दिया है जाति के नाम पर तो बिहार में जाति की जिक्र घर-घर में हो ही रही है. आपने वोट दिया है नीतीश कुमार को बिजली देने के नाम पर तो बिजली का बिल 6 हजार आए या 8 हजार लेकिन बिजली घर-घर आ ही गई है. आपने वोट किया है, सिलेंडर के नाम पर तो 1200 का सिलेंडर हो या 1400 का सिलेंडर आपको मिल ही रहा है.प्रशांत किशोर ने लोगों से कहा कि आपने वोट किया था मोदी का जगमगाता हुआ मुखड़ा देखकर तो भले ही आपके बच्चों का मुखड़ा मुरझाया हुआ हो, लेकिन टीवी में आए दिन नरेंद्र मोदी का जगमगाता हुआ मुखड़ा आपको दिख ही रहा है. आपने वोट दिया है गुजरात में विकास की कहानी सुनकर तो गुजरात में विकास हो ही रहा है और बिहार के लड़के कारोबार पाने के लिए जा ही रहे हैं. जब आपने अपने बच्चों की पढ़ाई और कारोबार के लिए वोट किया ही नहीं है तो आपके बच्चों को अच्छी पढ़ाई और कारोबार कहां से और कैसे मिलेगा?