नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का कांग्रेस-सपा समेत विपक्ष की 18 पार्टियों ने बहिष्कार करने का ऐलान किया है। इन पार्टियों का तर्क है कि संसद का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथ से होना चाहिए।
इस बीच मायावती ने सरकार के कदम का समर्थन किया है। मायावती ने कहा कि सरकार संसद बनवा रही है तो उद्घाटन करने का भी उसे ही हक है। उद्घाटन को आदिवासी महिला के सम्मान से जोड़ने के विपक्षी मुहिम की भी मायावती ने आलोचना की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ प्रत्याशी उतारते समय यह बात सोचनी चाहिए थी। हालांकि मायावती पार्टी की बैठकों के कारण कल होने वाले समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगी।
मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि केन्द्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की, बीएसपी ने देश व जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है। 28 मई को संसद के नये भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है।
मायावती ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा नए संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार अनुचित है। सरकार ने इसको बनाया है इसलिए उसके उद्घाटन का उसे हक है। इसको आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित। यह उन्हें निर्विरोध न चुनकर उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था।
मायावती ने कहा कि देश को समर्पित होने वाले कार्यक्रम अर्थात नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण मुझे प्राप्त हुआ है। इसके लिए आभार और मेरी शुभकामनाएं। किन्तु पार्टी की लगातार जारी समीक्षा बैठकों सम्बंधी अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण मैं उस समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी।