हर वक्त बम फटने की आवाज आती थी. हर वक्त हम लोग डरे सहमे रहते थे.
सारे राज्यों के छात्रों को वहां की सरकार पहले ही बुला चुकी है. सबसे बाद में हम बिहारी छात्र बिहार आए हैं. पुलिस हिफाजत में बस से इम्फाल एयरपोर्ट पहुंचे थे. विशेष विमान से पटना आए हैं.इसी यूनिवर्सिटी की एक छात्रा तन्नु कुमारी ने कहा कि हर वक्त गोली, बम की आवाज आती रहती थी. घर, जंगल को जलाया जा रहा था. खाना भी नहीं मिल रहा था. बहुत डर लग रहा था. मानसिक रूप से चिंतित थे. हम लोगो ने पहले कभी भी ऐसी अवस्था नहीं देखे थे. करीब 300 बिहारी छात्र मणिपुर में हैं. बिहार सरकार बिहारी छात्रों को लेट से वापस ला रही है. पहले ही वापस लाना चाहिए था. तन्नु की मां ने कहा कि हमलोग बहुत परेशान थे. खाना नहीं खा रहे थे. चाहती थी कि बेटी घर आ जाए. आज आ गई. बिहार सरकार को धन्यवाद देते हैं.शादाब ने कहा कि सभी राज्य सरकारों ने अपने छात्रों को वापस पहले ही बुला लिया था. हम सब बिहारी छात्र ही वहाँ पर फंसे थे. हम लोग लगातार ईमेल, ट्वीट मुख्यमंत्री कार्यालय में कर रहे थे. मीडिया दबाव बनाई तो दूसरे राज्यों को देखकर हम लोगों को भी लाया गया. अभी भी मणिपुर में अवस्था तनावपूर्ण हैं.बता दें मणिपुर में तीन मई को भड़की हिंसा के बाद जानमाल की बड़े पैमाने पर क्षति हुई है. अब भी 10 हजार लोग वहां पर फंसे हुए हैं. 20 हजार लोगों को सही सलामत स्थानों पर पहुंच दिया गया है. इस घटना में 60 बेगुनाह लोगों की जान गई है. इस हिंसा में 225 लोग घायल हुए हैं और 1700 घरों को उपद्रवियों ने जला दिया है. लोगों को आवश्यक सामान खरीदने के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई है.मृतकों के परिवार के लिए 5-5 लाख रुपये, गहरे चोट से जख्मी लोगों के लिए 2-2 लाख और कम गंभीर चोट के शिकार लोगों को 25 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. मणिपुर में मैतेई समुदाय और आदिवासियों के बीच हुई हिंसक झंझट के बाद भड़की हिंसा पर नियंत्रण पाने के लिए भारतीय सेना और असम राइफल्स की 105 टुकड़ियों को नियुक्त किया गया है.