राजद सुप्रीमो लालू यादव किडनी प्रत्यारोपण कराने के निकट सात महीने बाद पटना आ गए हैं। लालू यादव के बिहार आते ही उनके सीधे राजनीतिक विरोधी राज्यसभा मेंबर सुशील मोदी उन्हें घेरने में सक्रिय हो गए हैं।भाजपा नेता सुशील मोदी ने शुक्रवार को कहा गया कि जब आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की कत्ल हुई थी, उस समय लालू यादव मुख्यमंत्री थे, इसलिए वही बताएं कि यदि अगर बाहुबली नेता और पहले सांसद आनंद मोहन निर्दोष थे, तो उन्होंने उस वक्त उनकी कोई सहायता क्यों नहीं की? दलित आईएएस अधिकारी की ड्यूटी के समय दिनदहाड़े हुई कत्ल की यह जघन्य मामला लालू राज के उन डरावने दिनों की याद दिलाती है। उस समय में दलितों के, कत्ल और व्यवसायियों के अपहरण की घटनाएं आम थीं।मोदी ने कहा कि आनंद मोहन के मामले में लालू-राबड़ी सरकार ने सेशन कोर्ट से हाईकोर्ट तक उनकी रिहाई का बखेड़ा किया गया था। आज यही लोग उनकी रिहाई के लिए जेल कानून को बदल रहे हैं।मोदी ने यह सवाल किया है कि साल 2005 तक राजद की सरकार थी। तब क्यों नहीं आनंद मोहन को बेगुनाह बताने की कोशिश की गई? इसका जवाब तो लालू प्रसाद ही दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज चुनावी लाभ के लिए लाखों सरकारी कर्मचारियों की बचाव को ताक पर रखकर राजद-जदयू की सरकार दुर्दांत कसूरवार को रिहा कर रही है।