दिल्ली में आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में होने वाले नीति आयोग की बैठक (NITI Aayog Meeting) में सम्मिलित होने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली नहीं गए. इस पर बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को आड़े हाथों लिया. इन्होंने शनिवार को बोला कि नीतीश कुमार उन दिनों पूरे देश का भ्रमण कर रहे थे. अब लगता है कि उनका भ्रमण यही था कि गुटबाजी करके सरकारी बैठकों को बहिष्कार किया जाए. बिहार के लिए सबसे बड़ा अभाग्य है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं.इन्होंने बोला कि हम नीतीश कुमार से विनती करते हैं कि बिहार की जनता के लिए कार्य करें और बिहार की फिक्र करें.सम्राट चौधरी ने बोला कि सियासत में व्यक्तिगत ईगो हो सकता है, लेकिन नीतीश कुमार बिहार के प्रगति को छोड़कर अपने ईगो पर बिहार की सियासत को ले जा रहे हैं. इन्होंने बोला कि अपनी पार्टी के लिए अगर वह कुछ कर रहे हैं तो मुझे उस पर नहीं कहना है, लेकिन बिहार के प्रगति के लिए नीति आयोग की बैठक हो रही थी उसमें कोई मुख्यमंत्री नहीं जाता है तो यह बिहार को लज्जित करने वाली बात है. नीतीश कुमार जानते हैं कि नीति आयोग की बैठक में क्या होता है, कोई एक एजेंडे पर बात नहीं होती है. गांव से लेकर शहर तक के प्रगति की बात होती है. सड़क, शिक्षा जैसी योजना पर बातें होती हैं.बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने बोला कि नीतीश कुमार अपने ईगो के चक्कर में बिहार को आप नष्ट नहीं कर सकते हैं.
देश की जनता के प्रगति के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं.
सम्राट चौधरी ने बोला कि कोई मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक में नहीं जा रहा है तो यह बीजेपी का मानना है कि यह राष्ट्र विरोधी है और नीतीश कुमार बिहार के प्रगति के विरोधी हैं. नीतीश कुमार को प्रगति की फिक्र हो ही नहीं सकती है. इन्होंने बोला कि हम मान सकते हैं कि आप संसद भवन के आरंभ में नहीं जा रहे हैं यह आपका विशेषाधिकार है, लेकिन बिहार की जनता का क्या कुसूर है. बिहार की जनता ने आपको मुख्यमंत्री बनाया है. आप स्वयं मुख्यमंत्री नहीं बने हैं. नीतीश कुमार आप लोकतंत्र का तिरस्कार करना बंद करिए.
आगे बीजेपी नेता ने नीतीश कुमार को नीति आयोग की बैठक में जाकर बिहार के हिस्से का बात करना चाहिए था लेकिन वह नहीं गए और पूरे बिहार को लज्जित कर दिया है. वहीं, संसद भवन के मुद्दे पर इन्होंने बोला कि नीतीश कुमार कुछ भी बोलते हैं, उसका स्क्रिप्ट लिख कर दिया जाता है. वह पर्ची साथ में लेकर चलते हैं. पर्ची पढ़कर ही बोलते हैं, उनका याददाश्त बहुत कम हो गया है, इसलिए स्क्रिप्ट तैयार कर उनको दिया जाता है कि कहीं बीच में भूल जाए तो वह पढ़कर बोलते रहे, लेकिन हम स्क्रिप्ट लिखने वाले से विनती करते हैं कि इनको अच्छी अच्छी बात लिखकर दें ताकि वह अच्छी अच्छी बात बोल सकें.