गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.और विवादित बयान देते हुए यह कहा है कि उत्तर प्रदेश और बिहार के 90 प्रतिशत मजदूर गोवा में गुनाहों को परिणाम म देते हैं. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत द्वारा फिलहाल ही में राज्य के प्रवासी श्रमिकों के बारे में की गई अपमानजनक टिप्पणी को लेकर पटना के अदालत में उनके विरुद्ध केस दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के स्थानीय नेता मनीष कुमार सिंह ने पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में उक्त याचिका दायर की है. मनीष कुमार सिंह ने श्रम दिवस पर गोवा में एक उपदेश के वक्त की गई प्रमोद सावंत की टिप्पणी पर विपत्ति जताई है, जब सावंत ने तटीय राज्य में '90 प्रतिशत गुनाहो के लिए बिहार के लोगों को अपराधी ठहराया था. उन्होंने सावंत से 'उस राज्य का अपमानित करने के लिए क्षमा मांगने की मांग की है जिसने देश को अपना पहला राष्ट्रपति दिया और अंतिम सिख गुरु का जन्म स्थान है. और इस बीच, एक बयान में जेडीयू की बिहार इकाई के अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरोप लगाया कि सावंत जिस बीजेपी से हैं,
वह 'हिंदी भाषी लोगों के प्रति हमेशा अपमानजनक टिप्पणी करती रही है.'
इन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में इस मुद्दे पर उसकी 'चुप्पी' के लिए जनता सबक सिखाएगी. बताया गया है कि याचिका पर बहुत जल्द ही सुनवाई होने की अनुमान है.बिहार में सत्तारूढ़ 'महागठबंधन' के अन्य घटक आरजेडी, कांग्रेस और माकपा द्वारा भी गोवा के मुख्यमंत्री की निंदा करने वाले बयान भी जारी किए गए बताया जाता हैं कि बिहार बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने 'बिहार की छवि' को लेकर उठ रहे सवाल के लिए नीतीश कुमार और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद और महागठबंधन सरकार को कसूरवार ठहराया गया है.