बिहार शरीफ में 31 मार्च को रामनवमी (Ram Navami) जुलूस के वक्त हुई विनाशकारी झड़प की मामला के बाद आज बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Sinha) बिहारशरीफ सर्किट हाउस पहुंचे. मीडिया से वार्तालाप के वक्त बीजेपी नेताओं ने नीतीश सरकार पर जमकर आक्रमण बोला. सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) नालंदा के हैं. अब वे बूढ़े हो गए हैं, बुजुर्ग हो गए हैं. मेमोरी लॉस सीएम हैं. जितने भी पार्टी के लोग आएंगे हम तो उनसे अनुरोध करेंगे कि एक पेपर पर लिखवा कर रख लीजिएगा, यह भूल जाते हैं. 1977 में जब ये कर्पूरी ठाकुर के नहीं हुए, लालू प्रसाद के नहीं हुए, देवी लाल के नहीं हुए, बीपी सिंह के नहीं हुए, जॉर्ज साहब के नहीं हुए. हजारों की गिनती होगी जिसके नीतीश नहीं हुए,इसलिए हम अनुरोध करेंगे कि जितने भी पार्टी के लोग आएंगे वह उनसे लिखवा लें.सम्राट चौधरी ने ये भी कहा कि आज हम और विजय कुमार सिन्हा आए हैं तो पूरा शासन को लगा दिया गया है, जिस दिन यह मामला घट रही थी उस दिन यदि ये पुलिस खड़ी होती तो एक भी मृत्यु और एक भी व्यक्ति को गोली नहीं लगती. नीतीश कुमार आप कहां सोए हुए हैं. जागिए, और यह आप की ही धरती नालंदा और बिहार शरीफ है. आप खुद ही कहते हैं कि बिहार शरीफ को आपने बनाया है, लेकिन पता नहीं कब बनाया है? और कहते हैं हमने बनाया है.बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शासन ने चोरी छुपे रथ को मनीराम बाबा अखाड़ा पहुंचाया. यह धार्मिक काम है
जिला प्रशासन का काम नहीं है. और हम सनातनी हैं हम सबका मान करते हैं,
लेकिन नीतीश कुमार के राज में सनातन धर्म के तो लोग अर्चना भी नहीं कर सकते हैं यह स्थिति अगर बन गई है. सम्राट चौधरी ने मांग करते हुए कहा कि हाईकोर्ट के सीटिंग जज से एक ताल्लु का गठन हो. आपके जिलाधिकारी पर विश्वास नहीं है. जेडीयू और कांग्रेस के लोग आते हैं तो शहर में धारा 144 नहीं लगाई जाती है, जब बीजेपी के लोग आते हैं तो शहर में धारा 144 लागू रहती है. यह कौन सा फैसला है? नहीं चलेगा.आगे बीजेपी नेता ने कहा कि 8 मई को हम लोग महामहिम राज्यपाल से मिलाप करेंगे और पूरी रिपोर्ट मांगने का विनती करेंगे. नालंदा की धरती लाल होने के बाद भी जिले के साथ इस तरह का गलतव्यवहार करने का काम नीतीश सरकार करती है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. वहीं, नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार के बजरंग दल पर दिए गए जिक्र इन्होंने कहा कि रावण भी परिश्रम किया था कि बजरंग बली को बांध दे, बांध पाया था ? जब रावण नहीं बांध पाया तो इस सरकार में इतनी साहस कहां है.