सोमवार (22 मई) को पीके ने वर्णन जारी किया.
40 दिन में दूसरी बार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से मिलने पर प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार और आरजेडी पर ताना करते हुए बोला कि आज नीतीश कुमार क्या कर रहे हैं इस पर ज्यादा बोलने का कोई तात्पर्य नहीं है. आज से पांच वर्ष पूर्व आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे चंद्रबाबू नायडू. वो उसी भूमिका में थे जिस भूमिका में आज नीतीश कुमार आने का प्रयत्न कर रहे हैं. आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू उस वक्त बहुमत की सरकार चल रहे थे जबकि नीतीश कुमार तो 42 विधायक के साथ आज लंगड़ी सरकार चला रहे हैं.प्रशांत किशोर ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू उस दौर में पूरे देश का दौरा करके विपक्ष को एकजुट कर रहे थे. इसका परिणाम ये हुआ कि आंध्र प्रदेश में इनके सांसद घटकर तीन हो गए, सिर्फ 23 विधायक जीते और वे सत्ता से ही बाहर हो गए. नीतीश कुमार को बिहार की फिक्र करनी चाहिए. नीतीश कुमार का अपना खुद का ठिकाना नहीं है. आज आरजेडी का बिहार में जीरो एमपी है वो देश का प्रधानमंत्री तय कर रहा है. जिस पार्टी का खुद का ठिकाना नहीं है वो देश की दूसरी पार्टियों को इकट्ठा कर रहा है.पीके ने अपने वर्णन में आगे बोला कि नीतीश कुमार पश्चिम बंगाल दौरे पर गए तो ये पूछना चाहिए कि क्या ममता बनर्जी कांग्रेस के साथ काम करने को तैयार हैं? क्या नीतीश कुमार और लालू टीएमसी को बिहार में एक भी सीट देने को तैयार हैं? आज क्या नीतीश कुमार हमसे ज्यादा ममता बनर्जी को जानते हैं? पश्चिम बंगाल में नीतीश कुमार को पूछता कौन है? आप मेरी बातों को लिखकर रख लीजिए और बता दें कि नीतीश कुमार का भी वही स्थिति होगा जो चंद्रबाबू नायडू का हुआ था.