कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक बार फि पहुंचे पहलवानों को सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत में जाने की सलाह दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा था कि आपकी मांग FIR दर्ज होने की थी, जो हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब यदि आपकी कोई मांग है तो फिर मजिस्ट्रेट कोर्ट या फिर उच्च न्यायालय जा सकते हैं। इसके साथ ही उच्चतमन न्यायालय ने अपने पास इस मामले को बंद करने की बात कही। इस तरह पहलवानों के पास अब निचली अदालत में जाने का विकल्प खुला है।
महिला पहलवानों के वकील नरेंद्र हु्ड्डा ने सुनवाई के दौरान कहा कि अदालत को सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर जज को जांच की निगरानी सौंपनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'दिल्ली पुलिस के व्यवहार को देखिए। मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि यदि सुनवाई यहां बंद हुई तो पुलिस पैर वापस खींच लेगी।'
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे आदेश में आपको हाई कोर्ट या फिर मजिस्ट्रेट के पास जाने की छूट दी गई है। बेंच ने कहा, 'हमें जानकारी है कि यह अर्जी एफआईआर के लिए थी। हम यह नहीं कह रहे कि यह मामला मॉनिटरिंग के योग्य नहीं है। लेकिन आप इसके लिए हाई कोर्ट जा सकते हैं।'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'यहां पर याचिका दाखिल करने का मकसद पूरा हो गया है। पहलवानों की मांग पर एफआईआर दाखिल हो गई है और उन्हें सुरक्षा भी मुहैया करा दी गई है। अब हम इस स्टेज पर इस केस की कार्रवाई को बंद करते हैं। यदि याचिकाकर्ता कुछ और चाहते हैं तो फिर वे मजिस्ट्रेट अथवा हाई कोर्ट के समक्ष याचिका दाखिल कर सकते हैं।'
बता दें कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ ऐक्शन ना होने की शिकायत लेकर पहलवान एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट गए थे, जबकि वहीं सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने की जानकारी दी थी।
दिल्ली पुलिस बोली- पहलवानों को सुरक्षा दे दी है
इस बीच दिल्ली पुलिस का कहना है कि उसने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों को सुरक्षा दे दी है। इन्हें शीर्ष अदालत के आदेश के बाद ही सुरक्षा प्रदान की गई है। पुलिस ने कहा कि नाबालिग महिला पहलवान के अलावा 6 अन्य पहलवानों को भी सुरक्षा दी गई है।
इन सभी ने बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इनका कहना है कि बृजभूषण सिंह को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और वे अपने पद से इस्तीफा दें। यही नहीं पहलवानों का आंदोलन अब तीखा होता जा रहा है। गुरुवार को तो विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने मेडल लौटाने तक की बात कह दी।