दरअसल बता दें कि 21 दिसंबर 2019 को पटना की फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश ने घरेलू हिंसा की जगह हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 24 के तहत ऐश्वर्या के पति तेज प्रताप यादव को प्रतिमाह 22 हजार रुपये के साथ ही मुकदमा खर्च के लिए 2 लाख रुपये देने का फरमान दिया था. इसपर ऐश्वर्या ने फैमिली कोर्ट के इस इजाजत को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में निवेदन की थी. उनका कहना था कि
इन्होंने इस तरह की मांग ही नहीं की थी.
कोर्ट ने उनकी दलील को स्वीकार करते हुए अब फैमिली कोर्ट के निर्देश को रद्द कर दिया है.बुधवार को पटना हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति पी बी बजनथरी और अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने ऐश्वर्या की निवेदन को निष्पादित करते हुए यह इजाजत दिया. कोर्ट ने फैमिली कोर्ट को घरेलू हिंसा को लेकर दायर ऐश्वर्या की दरख्वास्त का निपटारा तीन महीने में करने का फरमान दिया है. बता दें कि ऐश्वर्या ने घरेलू हिंसा का मामला पटना के फैमिली कोर्ट में मैट्रिमोनियल केस 1208/2018 दायर किया था.पिछले साल जून में इसी मामले में पटना हाई कोर्ट में ऐश्वर्या-तेजप्रताप की काउंसलिंग हुई थी. हाई कोर्ट ने कहा था कि दोनों आपसी सहमति से कोई रास्ता निकाल लें. इसी वक्त ऐश्वर्या ने कहा था कि उन्हें पति और ससुराल में कोई तकलीफ नहीं है लेकिन तेज प्रताप ने कहा था कि उन्हें साथ नहीं रहना है. इस पर कोर्ट ने कहा था कि आप लोग अपने-अपने वकीलों के साथ बैठकर आपसी सहमति से कोई रास्ता निकालें.बता दें कि लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की शादी 12 मई 2018 को बड़े खूब धूमधाम से हुई थी. हालांकि छह महीने में ही रिश्ते में दरार पड़ने लगी. तेज प्रताप यादव ने फैमिली कोर्ट में तलाक का आवेदन दे दिया था. यह विषय सचिवालय थाना भी चली गई . ऐश्वर्या ने इल्जाम लगाया था कि उनकी सास राबड़ी देवी दहेज के लिए अन्याय करती है. तेज प्रताप की बहनों पर भी अन्याय लगाए थे.