पता चला है कि अभी हाल ही में बिहार के कई जिलों में एनआईए (NIA) ने एक साथ सुबह-सुबह रेड की थी. अब मंगलवार (3 मई) को एक साथ बिहार और झारखंड की 14 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी से तहलका मच गया. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने पीएफआई और भाकपा (माओवादी) के समर्थकों एवं मददगार के विरूद्ध यह अहम कार्रवाई की है. एजेंसी की यह कार्रवाई आतंकवादी संगठन को पुनर्जीवित करने एवं उसकी विचारधारा का प्रचार करने की षड्यंत्र की छानबीन से संबंधित है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.एजेंसी के एक प्रवक्ता ने यह बताया कि झारखंड में आठ जगहों पर छापे मारे गए जिनमें विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन के रांची कार्यालय और बोकारो, धनबाद, रामगढ़ एवं गिरिडीह जिलों में भाकपा (माओवादी) के सहयोगियों और समर्थकों के घर भी शामिल हैं. इन्होंने यह भी बताया कि बिहार में खगड़िया, गया और औरंगाबाद जिलों में छह जगहों पर छापे मारे गए. पता नहीं है कि पटना के फुलवारी शरीफ से कुछ महीने पूर्व ही पीएफआई का भंडाफोड़ भी हुआ था.
फुलवारी शरीफ मामले में मंगलवार (2 मई) को एक आरोपी की गिरफ्तारी भी हुई है.
वह उत्तर प्रदेश के संत रविदास नगर का रहने वाला अनवर राशिद बताया जा रहा है.एजेंसी ने कहा, 'जिन संदिग्धों के घरों की तहकीकात ली गई, उन सभी के संबंध भाकपा (माओवादी) के पोलित ब्यूरो एवं केंद्रीय समिति के सदस्यों से हैं.' और प्रवक्ता ने कहा कि छापे के वक्त प्रतिबंधित संगठन की गतिविधियों से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज, कई मोबाइल फोन, डीवीडी, मजदूर संगठन समिति से संबंधित कागजात और बैंक खाता विवरण जब्त किए गए.
एजेंसी के अनुसार भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्यों के खिलाफ संगठन की विचारधारा को फैलाने की षड्यंत्र रचने के इल्जाम में पिछले वर्ष 25 अप्रैल को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून और भारतीय दंड संहिता के तहत यह मामला दर्ज किया गया था. इन्होंने कहा कि पूरे साजिश का पर्दाफाश करने के लिए आगे की पूछताछ की जा रही है.