क्या उनके उद्योग सही दिशा में जा रहे हैं?
इस पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि नीतीश कुमार वरिष्ठ नेता हैं. राष्ट्रीय सियासत में उनका उनकी भूमिका रही है, लेकिन उनकी विश्वसनीयता पर प्रश्न है.
वे कई बार नरेंद्र मोदी के साथ थे तो अब विरुद्ध हैं.
कभी लालू प्रसाद यादव के साथ रहे तो कभी लालू प्रसाद के विरुद्ध . नरेंद्र मोदी के सामने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने के लिए हर पार्टी चाहती है कि उनके नेता को भी उम्मीदवार बनाया जाए.आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि समाजवादी पार्टी चाहेगी अखिलेश यादव को पीएम उम्मीदवार बनाया जाए. टीएमसी चाहेगी कि ममता बनर्जी को पीएम उम्मीदवार बनाया जाए. क्षेत्रीय दल अपने नेता को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं.लोकतंत्र में उनका यह सामर्थ्य है, लेकिन प्रधानमंत्री पार्टियां नहीं बनाती. देश की जनता बनाती है. इसलिए जनता को जो मुखड़ा अच्छा लगता है, जनता उसे वोट देती है. ऐसे में नीतीश कुमार की जो बात है, उनकी विश्वसनीयता पर प्रश्न है. वे छोटे नेता नहीं हैं, लेकिन उन पर लोगों को विश्वास नहीं है. अगर ऐसा व्यक्ति प्रधानमंत्री उम्मीदवार बने, जिसकी विश्वसनीयता पर प्रश्न हो वह नरेंद्र मोदी को शिकस्त कैसे देगा?एक प्रश्न पर कि क्या आपको लगता है कि वे यह कैंपेन बेमतलब चला रहे हैं? इस पर कहा कि यह विपक्ष की मूर्खता है. विपक्ष के नेताओं को यह समझाना चाहिए कि नरेंद्र मोदी प्रचलित नेता हैं. मुझे तो नरेंद्र मोदी के सम्मुख सिर्फ और सिर्फ प्रियंका गांधी का ही मुखौटा दिखाई नजर आता है.