कर्नाटक चुनाव ने मोदीजी को समझा दिया है
कि हमेशा ब्लैक मनी आपको चुनाव नहीं जीता सकती है जो उत्तर प्रदेश का चुनाव जीतने के लिए नोटबंदी के नाम पर हस्तलाघव चल गया वह एपिसोड कर्नाटक में बीजेपी को धूल चटाने के साथ पूरी तरह से खत्म हो गया.''
एक यूजर्स ने लिखा है ''नतमस्तक मीडिया के लिए 2000 का नोट लाना मास्टर स्ट्रोक था और अब उसे बंद करना भी मास्टर स्ट्रोक होगा,अगर मोदीजी 2000 के सारे नोट के गद्दे बनवा देते या यूं ही जलवा देते तो भी वह मास्टर स्ट्रोक ही कहलाता.''भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 के नोट पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा है कि 89 परसेंट 2000 के नोट मार्च 2017 तक के छपाई हुए हैं. वित्तीय वर्ष 2018-19 में 2000 के नोट को छापा गया. इसके बाद इस नोट की छपाई नहीं हुई है. इसलिए नोट के यूज करने योग्य 4 से 5 साल की अवधि को पूर्ण कर लिया है. रिजर्व बैंक ने 30 सितंबर तक सारे नोट को वापस लेने के लिए क्षेत्रीय आरबीआई शाखा एवं सारे बैंकों को आदेश दे दिया है, लेकिन 1016 में नोटबंदी के वक्त में भी खूब जमकर सियासत हुई थी और अब 2000 के नोट को बंद होने पर भी सियासत का होना आवश्यक है.