टाइगर स्टेट्स मप्र बाघों के लिए प्राकृतिक घर है। इसी कारण देश में सबसे ज्यादा बाघ मौजूद हैं। केंद्र सरकार को प्रदेश के वन विभाग ने जो रिपोर्ट भेजी थी, उसमें 711 बाघों की संख्या का उल्लेख किया है। हालांकि विभाग आधिकारिक तौर पर संख्या का खुलासा करने से कतरा रहा है।
दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि मप्र के टाइगर रिजर्व में क्षमता से अधिक बाघ मौजूद हैं। मैनेजमेंट इफेक्टिवनेश इवेल्युवेशन श्रेणी में प्रदेश के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को देशभर में दूसरा स्थान मिला है। देश के टाइगर स्टेट की घोषणा आगामी 29 जुलाई को की जाएगी। इस दिन अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस होता है।
केंद्र सरकार को स्टेट्स टाइगर रिपोर्ट 2022 के लिए मध्य प्रदेश वन विभाग से भेजे गए आंकड़ों के मप्र का टाइगर स्टेट का तमगा बरकरार रहने वाला है। सूत्रों के अनुसार इसमें मध्यप्रदेश में साल 2018 से लेकर अब तक कुल 185 बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है। इतना ही नहीं रिपोर्ट में प्रदेश के टाइगर रिजर्व की स्थिति भी अन्य प्रदेशों से बेतहर बताई गई है। मैनेजमेंट इफेक्टिवनेश इवेल्युवेशन में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को दूसरा स्थान मिला है।
नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) ने भी मध्यप्रदेश के बाघों के संरक्षण की सराहना की है। बता दें कि रविवार को पीएम मोदी ने कर्नाटक में टाइगर रिपोर्ट को जारी किया था। हालांकि रिपोर्ट में टाइगर स्टेट लेकर खुलासा नहीं किया गया है। साल 2018 के मुताबिक यह खिताब मध्यप्रदेश के पास है।
देश में किस प्रदेश में कितने बाघ हैं 29 जुलाई को होगा खुलासा
आगामी 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के दिन होगा। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मध्यप्रदेश में कुल 711 बाघों की जानकारी की प्रारंभिक जानकारी केंद्र को भेजी गई है। साइंटिफिक रिपोर्ट के बाद बाघों की स्थिति साफ होगी। रिपोर्ट में कान्हा टाइगर रिजर्व को देश में 5वां स्थान तो पन्ना टाइगर रिजर्व को 22 वां स्थान मिला है।
सभी टाइगर रिजर्व में क्षमता से अधिक टाइगर मौजूद
रिपोर्ट के अनुसार यह बात सबसे ज्यादा चौंकाने वाली है कि मध्यप्रदेश में क्षमता के अधिक बाघ हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 124 बाघ मौजूद हैं। क्षमता 75 बाघों की हैं। इसी प्रकार पेंच टाइगर रिजर्व में 50 बाघों की क्षमता के विपरीत 82 बाघ हैं। प्रदेश ऐसे ही हालात अन्य टाइगर रिजर्व के हैं।