संवाद
वडोदरा/अहमदाबाद, 5 जून। पाकिस्तान के जेलों में बंद देश के दो सौ मछुआरों को छुड़ाकर ट्रेन के जरिए वाघा बार्डर होते हुए वडोदरा लाया गया है। इनमें गुजरात के 171 मछुआरे हैं। वडोदरा रेलवे स्टेशन पर इन सभी मछुआरों को स्वागत किया गया। मछुआरों की घर वापसी पर उनके परिवार में खुशी का माहौल है।
इन मछुआरों को समुद्री सीमा से पाकिस्तानी रेंजर्स ने अपहृत कर लिया था। पाकिस्तान के जेलों बंद दो सौ मछुआरों को केन्द्र और राज्य सरकार ने अथक प्रयास के बाद छुड़ा लिया गया है। पाकिस्तान के जेलों में बंद गुजरात के 171 मछुआरों के वडोदरा पहुंचने पर प्रशासन समेत उनके परिजनों ने स्वागत किया। इसमें सबसे अधिक 129 मछुआरे गिर सोमनाथ जिले के थे।
इसके अलावा देवभूमि द्वारका के 31, जूनागढ़ के 2, नवसारी के 5, पोरबंदर के 4 मछुआरे करांची के जेल में बंद थे। इसके अलावा बिहार के 3, दीव के 15, महाराष्ट्र के 6 और उत्तर प्रदेश के 5 मछुआरे भी वर्षों बाद स्वदेश लौटे हैं।
दरअसल, यह सभी मछुआरे वर्ष 2019 से 2022 के दौरान पाकिस्तान रेंजर्स ने अपहरण किया था। अरब सागर में मत्स्याटन करने के दौरान बंदूक की नोंक पर पाक रेंजर्स ने इनका अपहरण कर जेलों में डाल दिया था।
इन सभी लोगों को छुड़ाने में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने प्रधानमंत्री मंत्री नरेन्द्र मोदी समेत विदेश मंत्री एस जयशंकर और केन्द्रीय मंत्री परसोत्तम रुपाला से लगातार फॉलोअप और समन्वय किया। पाकिस्तान के प्रशासन ने इन सभी मछुआरों को अमृतसर के वाघा वाडर के समीप ले आए थे। इसके बाद इन्हें भारत को सौंपा गया। सभी की स्वास्थ्य जांच के बाद राज्य के मत्स्य विभाग और पुलिस की एक टीम उन्हें साथ लेकर आई।
वडोदरा रेलवे स्टेशन पर मत्स्य विभाग के समीर आरदेशणा समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। वडोदरा के बाद सभी को बस के जरिए गिर सोमनाथ की ओर ले जाया गया।