धूमधाम से राज करने वाली लालू सरकार की यही थी उपलब्धि कि 15 सालों में एससी वर्ग के विद्यार्थी सभी पंचायतों में इंटर तक भी नहीं पहुंच पाए.
'उपेंद्र कुशवाहा ने आगे लिखा कि 'वर्तमान राज्य सरकार ने शिक्षक भर्ती के लिए राज्य से बाहर के विद्यार्थियों के लिए यह बोलकर दरवाजा खोल दिया कि गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, संस्कृत, हिन्दी आदि विषयों में बिहार में शिक्षक बनने के योग्य विद्यार्थी नहीं हैं. घोर सुशासन वाली सरकार की यही है प्राप्ति कि 18 सालों में अपने राज्य में स्कूल में पढ़ाने लायक पर्याप्त शिक्षक भी नहीं बना पाए. इसे बोलते हैं- को बड़ छोट कहत अपराधू'बता दें कि मंगलवार को कैबिनेट में 25 एजेंडों पर मुहर लगी. इसमें नई शिक्षक बहाली नियमावली में भी संशोधन किया गया. इससे यह साफ हो गया कि अब दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भी बिहार में होने वाली शिक्षक बहाली में हिस्सा ले सकेंगे. यह फैसला आते ही अब आपत्ति हो रहा है.