बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के नेतृत्व वाली हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा-सेक्युलर (हम-एस) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की रविवार को पटना में होने वाली महत्वपूर्ण बैठक निलंबित कर दी गई है. अब यह बैठक 19 जून को होगी. ‘हम-एस’ से जुड़े सूत्रों के अनुसार, पार्टी के कुछ विधायकों के अनुरोध पर बैठक निलंबित कर दी गई, क्योंकि वे रविवार को पटना नहीं आ पाए. बिहार में महागठबंधन सरकार से नाता तोड़ने के बाद हम-एस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की यह पहली बैठक होगी.'हम-एस' के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मंत्री संतोष कुमार सुमन की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में पार्टी की आगे की रणनीति तय की जाएगी. सुमन, जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और 'हम-एस' के संस्थापक जीतन राम मांझी के बेटे हैं, इन्होंने 13 जून को नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राज्य मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया था. सुमन ने इल्जाम लगाया था कि नीतीश की पार्टी जनता दल-यूनाइटेड 'हम-एस' पर विलय का दबाव बना रही थी और उन्होंने अपनी पार्टी का अस्तित्व बचाने के लिए मंत्री पद छोड़ दिया.महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद मांझी ने नीतीश सरकार पर आम लोगों के हितों के विरुद्ध कार्य करने का इल्जाम लगाया था.
बिहार विधानसभा में 'हम-एस' के चार विधायक हैं, जबकि बिहार विधान परिषद में पार्टी का महज एक सदस्य है.
सुमन के त्यागपत्र के एक दिन बाद नीतीश ने मांझी पर भारतीय जनता पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए महागठबंधन के सहयोगियों की जासूसी करने का इल्जाम लगाया था. इन्होंने बोला था कि सुमन का मंत्रिमंडल से बाहर निकलना अच्छा था.नीतीश ने दावा किया था कि मांझी 23 जून को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक का हिस्सा बनना चाहते थे, लेकिन उन्हें भय था कि वह बाद में बीजेपी को इस बैठक का विवरण लीक कर सकते हैं. मुख्यमंत्री ने बोला था कि मांझी बीजेपी नेताओं के निरंतर संपर्क में थे. उन्होंने हाल ही में कई बीजेपी नेताओं से भेंट की थी. वह विपक्षी नेताओं की 23 जून की बैठक का हिस्सा बनना चाहते थे, लेकिन मुझे आशंका थी कि वह उन मुद्दों/मामलों को लीक कर सकते हैं, जिन पर जिक्र की जाएगी. इसलिए मैंने उनसे 'हम-एस' का जेडीयू में विलय करने के लिए बोला था. नीतीश ने बोला था कि मांझी ऐसा नहीं कर पाए, इसलिए मैंने उनसे महागठबंधन छोड़ने के लिए बोला. यह सही है कि वह चले गए.