बताते चलें कि मुन्ना यादव की तीन बेटियां और दो बेटे हैं. मुन्ना यादव के बेटे अंकित कुमार ने जब अपने पिता का रोद्र रूप देखा तो चुपके से छत से कूदकर अपनी और अपने भाई की जान बचा ली. अंकित की बात मानें तो उसका पिता रात लगभग 12 बजे के बाद घर आया था और किसी बात को लेकर उसकी मां से लड़ाई होने लगी.
ये सभी लोग घर की छत पर सोये हुए थे, किस बात पर लड़ाई हुई यह बात उसके समझ में नहीं आई.
अंकित और उसके भाई ने बताया कि झगड़े के बाद उसके पिता धारधर हथियार से उसकी बहन की कत्ल करने लगे जैसे ही बड़ी बहन की हत्या की दोनों भाइयों ने चुपके से छत से कूदकर गांव में ही छुपकर अपनी जान बचाई. सभी की कत्ल करने के बाद मुन्ना यादव खुद भी गले में फंदा डाल कर लटक गया.खगड़िया पुलिस कप्तान अमृतेश कुमार ने घटनास्थल पर आ कर मामले की जांच-पड़ताल शुरू की. बुधवार तड़के जैसे ही उन्हें जानकारी मिली तो तुरंत सदर एसडीपीओ सुमित कुमार को उन्होंने घटनास्थल पर भेज दिया. एसपी अमृतेश कुमार ने बोला कि अभी घटना के विषय में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.
घटना की बारीकी से जांच-पड़ताल की जा रही है और भागलपुर से फोरेंसिक टीम बुलाई जा रही है. हर तरफ से जांच-पड़ताल के बाद ही कुछ स्पष्ट बोला जा सकता है, मगर इन्होंने बोला कि लगभग एक डेढ़ साल पूर्व मुन्ना यादव एक खून के घटना में आरोपी था और वो उसी वक्त से फरार चल रहा था, कभी- कभी वो अपने घर आता जाता था जैसे कि गांव वालों से पूछताछ में पता चला है. फिलहाल पुलिस फोनसिंक टीम का आने का प्रतीक्षा कर रही है और गांव वाले सहित दोनों बेटों से पूछताछ कर रही हैं. खून क्यों हुई इस पर अब शक बना हुआ है.