चिट्ठी के जरिए इन्होंने साफ कर दिया है कि पटना बैठक में सबसे पहले दिल्ली अध्यादेश पर ही जिक्र करें.
इन्होंने बोला है यह अध्यादेश केवल दिल्ली के लिए नहीं है. दिल्ली तो पहला प्रयोग है. अगर इसमें मोदी सरकार को कामयाबी मिली तो, फिर गैर बीजेपी शासित राज्यों में भी अध्यादेश की आड़ में समवर्ती सूची के विषयों को लेकर केंद्र सरकार अध्यादेश लागू कर उसे अपने नियंत्रत में लेने का कार्य करेगी. यहां इस बात का भी चर्चा कर दें कि पटना बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान, और आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी सम्मिलित होंगे. आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेता गुरुवार दोपहर 3 बजे दिल्ली से पटना के लिए रवाना हो जाएंगे. सूचना के मुताबिक आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों की बैठक प्रारंभ होने से पहले सीएम मान और सांसद संजय सिंह के साथ पटना साहिब का दर्शन करने के लिए जा सकते हैं. तीनों नेताओं की योजना पटना साहिब आकर मत्थ टेकने की है. उसके अलावा, दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आतिशी और राघव चड्ढा विपक्षी दलों की बैठक में सम्मिलित होंगे या नहीं, इसको लेकर अभी तक पार्टी की तरफ से कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है.बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी गहमागहमी चरम पर है. कल यानी 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी एकत्व को केंद्र में रखते हुए सियासी दलों का महाकुंभ होने वाला है. मोदी सरकार और बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बेदखल करने, दिल्ली अध्यादेश, बेरोजगारी, महंगाई, उग्र राष्ट्रवाद सहित कई जन विरोधी नीतियों के विरुद्ध सीएम नीतीश कुमार के आह्वान पर सभी दलों के नेता पटना बैठक में मंथन करेंगे. विपक्षी दलों के नेता पटना बैठक में बीजेपी को घेरने की रणनीति पर जिक्र करेंगे.