सुशील कुमार मोदी ने उदाहरण देते हुए बोला कि बिहार में तो अंग्रेजी, गणित और विज्ञान के तेज तर्रार छात्र हैं.
सबसे ज्यादा आईएएस और आईपीएस बिहार से बनते हैं. आईआईटी में जा रहे हैं. सीटीईटी, एसटीईटी, बीटीईटी परीक्षा क्वालीफाई कर चुके शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिलना था, लेकिन नई शिक्षक भर्ती नियमावली 2023 के तहत फिर से परीक्षा देने के लिए बोला जा रहा है. आखिर जो लोग पास कर चुके हैं वह कितनी बार इम्तिहान देंगे?सुशील मोदी ने बोला कि कोई बहाली नहीं होगी. बार-बार संशोधन कर बहाली को फंसाया जा रहा है. तेजस्वी का वादा था पहली कैबिनेट मीटिंग में शिक्षक अभ्यर्थियों की नियुक्ति का न्याय लेंगे. सरकार को बने हुए 1 वर्ष हो गए. वादा पूरा नहीं हुआ. वहीं जब सुशील मोदी से पूछा गया कि नीतीश को क्या यह लग रहा कि वह नेशनल लीडर हैं? पूरे देश के भविष्य का फिक्र करनी है ना कि केवल बिहार की इसलिए इस प्रकार का संशोधन शिक्षक अभ्यर्थी नियमावली में हुआ? इस पर सुशील मोदी ने बोला कि कभी पीएम नहीं बन पाएंगे न संयोजक. बिहार की फिक्र करें. बिहार भी नहीं संभल रहा है.