बीजेपी के लोग हो या अन्य दल को लोग उनको कोई सम्मान नहीं देगा.
जीतन राम मांझी अमित शाह से मिलने चप्पल खोलकर गए. मांझी समाज को इन्होंने बदनाम करने का कार्य किया है.मंत्री रत्नेश सदा ने बोला कि संस्कार यही बताता है कि नीतीश कुमार के साथ रहते थे तो कुर्सी पर साथ में बैठते थे, चप्पल पहनकर अंदर जाते थे. वहां डर से बोल रहे हैं कि संस्कार हमारा है. अमित शाह के कितना करीब बैठे हुए थे तो इस पर इन्होंने बोला कि वह डर से इस तरह की बात बोल रहे हैं, लेकिन बिहार में क्यों नहीं वह चप्पल उतार के जाते थे. सभी ने देखा है कि अमित शाह ने कैसे उन्हें अपमानित करने का कार्य किया है. इससे मुसहर समाज अपमानित हुआ है.आगे मंत्री ने बोला कि जीतन राम मांझी व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं. हमारे नेता उन्हें कुर्सी पर बैठाने का कार्य किए लेकिन बीजेपी के लोग ने उन्हें चप्पल उतरवाने का कार्य किया है. चिराग पासवान, मुकेश सहनी बीजेपी में जा रहे हैं लेकिन चुनाव के वक्त पता चलेगा कि मतदान बैंक किस ओर जाएगा.