वहीं, ग्रामीण मनोज कुमार ठाकुर का बोलना है कि कटाव को रोकने के लिए कोई ठोस समाधान की आवश्यकता है.
इस स्थल पर ईंट निर्मित कटाव रोधी कार्य कराया जाना चाहिए, ताकि कटाव को रोकने में आसानी हो. यहां के करीब छह से सात हजार की आबादी प्रभावित होती है. गांव वालों ने बोला कि जिला प्रशासन के द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में हर साल करोड़ों रुपए खर्च की जाती है लेकिन प्रशासन इसका कोई ठोस समाधान नहीं करा पाता है हालांकि जिला प्रशासन का दावा है कि फ्लड फाइटिंग का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए मुक्कमल बंदोबस्त की जा रही है. वहीं, इस विषय में जल संसाधन विभाग के कनीय अभियंता तौफीर आलम ने बताया कि फ्लड फाइटिंग का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. हमारे वरीय अधिकारी के निर्देश पर एनसी और स्लोप पीचिंग करवाकर इसकी मरम्मती पूरा करवाना है. 50 से 60 मीटर के आसपास थोड़ा नीचे धंसा है. 2 दिन से काम चल रहा है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सारी बंदोबस्त की जा रही है.