बिहार के लोग देश ही नहीं विदेशों में भी अपने टैलेंट का जलवा दिखा रहे हैं.
हर इलाके में बिहारी आगे हैं, लेकिन बिहार पिछड़ेपन के कारण है क्या? नीति आयोग के आंकड़ों में बिहार की भयावह पिक्चर दिखाई पड़ती है. बिहार से बाहर कार्यरत चार करोड़ बिहारी करीब तीन लाख 36 हजार करोड़ रुपये बिहार भेजते हैं. उचित माहौल हो तो वे अपने राज्य में ही करोड़ों की आमदनी करते और साथ ही रोजगार भी सृजन भी होता. ये प्रवासी बिहारी युवा अपने मेहनत से पैसे कमाकर अपने गांव, अपने परिवार को भेज रहे हैं. इसी पैसे का उपयोग राज्य में होता है.पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बोला कि देश में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर के हब के रूप में दक्षिण भारत को ही जाना जाता था लेकिन अब उत्तर प्रदेश के नोएडा में भी बड़ी संख्या में बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने इन्वेस्ट किया है, लेकिन बिहार में अच्छी क्वालिटी के इंजीनियरिंग कॉलेजों और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी की कारण ऐसा नहीं हुआ. उस संवाद के वक्त बीजेपी के कार्यकर्ता काफी ज्यादा संख्या में उपस्थित थे. वहीं, मीडिया से वार्तालाप के वक्त बीजेपी नेता ने बोला कि बिहार में आने वाले वक्त में बहुत बड़ा परिवर्तन होना है. अब हमारे जैसा बीजेपी का कार्यकर्ता के साथ कई लोग अब बिहार के मुद्दे पर प्रश्न उठाने लगे हैं. बिहार बेइज्जती को लेकर क्या बदला लेगा? और बता दे कि हमारे जैसे लोग इसके लिए जागरूकता फैला रहे हैं.