विपक्षी दलों की पटना में हुई बैठक पर राष्ट्रीय जनता दल के नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने प्रतिक्रिया दी है. इन्होंने आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को लेकर प्रतिक्रिया दी. इन्होंने बोला कि अरविंद केजरीवाल का किसी ने नोटिस नहीं लिया. अरविंद केजरीवाल और नरेंद्र मोदी में अंतर क्या रहा है?इन्होंने इल्जाम लगाया कि आप (दिल्ली के सीएम) भी उसी तरह से तानाशाही चला रहे हैं कि हमारा जो बोलना है, उसे पहले लीजिए.नरेंद्र मोदी वाला वही अंदाज़ था उनका इसीलिए सब लोगों ने उनका नोटिस नहीं लिया.वहीं इस बैठक में विपक्षी दलों की तरफ से कोई साझा प्रोग्राम और आगामी चुनाव में चेहार न पेश किए जाने पर जिक्र जारी है. विपक्षी दलों की बैठक में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और भारतीय जनता पार्टी के विरुुद्ध साझा उम्मीदवार पेश न किए जाने पर नीतीश कुमार के मंत्री तक जवाब नहीं दे पा रहे हैं.सीएम नीतीश कुमार के खास माने जाने वाले बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमान खान ने कहा कि पहली बार विपक्षी दलों की इतनी बड़ी महाबैठक हुई है. नीतीश के बोलने पर सब आए.अभी यह तय हुआ है कि विपक्ष इकट्ठा होकर लड़ेगा.
नीतीश को यूपीए संयोजक बनने पर बोला कि उनकी बड़ी भूमिका विपक्ष की तरफ से रहेगी.
वहीं विपक्ष को इकट्ठा कर रहे हैं दीगर है कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले एक संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शुक्रवार को यहां बुलाई गई बैठक में भाजपा विरोधी कुल 14 दलों ने भाग लिया.543 सदस्यीय लोकसभा में, इन दलों की संयुक्त ताकत 200 से भी कम है. लेकिन उनके नेताओं को आशा है कि वे मिलकर भाजपा को अगले लोकसभा चुनाव में 100 सीटों से कम पर समेट देंगे. फिलहाल लोकसभा में भाजपा की सीटों की संख्या 300 से अधिक ज्यादा है.
भाजपा की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस ने पिछले संसदीय चुनाव में 50 से कुछ अधिक ज्यादा सीटें जीती थीं. 2014 में उसने केवल 44 सीटें जीती थीं, जो उसका अब तक का सबसे घटिया प्रदर्शन था.