बताया गया कि तूफान से ज्यादा नुकसान न हो उसके लिए बोधगया के तिब्बत बौद्ध मंदिर में यह पूजा कराई जा रही है. तिब्बत मंदिर के प्रभारी एमाजी बौद्ध भिक्षु ने बोला कि आपदा है तो टाली नहीं जा सकती है, लेकिन इस आपदा से कम से कम जानमाल का क्षति हो इसके लिए बौद्ध भिक्षुओं के द्वारा खास पूजा–अर्चना की गई है.
उसके लिए कई बौद्ध भिक्षुओं के द्वारा सुबह से ही भगवान बुद्ध के समक्ष पूजा-अर्चना की जा रही है.
इधर बिपरजॉय तूफान को लेकर मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा बताया जा रहा है कि गुजरात तट पर अरब सागर में दो से तीन मीटर ऊंची तूफानी लहरें उठेंगी. तूफान से बड़े पैमाने पर क्षति का अंदेशा जताया गया है. गुजरात के पश्चिमी तटीय जिलों में तूफान के कारण से भयंकर वर्षा और बाढ़ से स्थिति उत्पन्न हो सकते हैं. उसके अलावा मकान को भी क्षति पहुंच सकता है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुकूल, बिपरजॉय गुरुवार (15 जून) की शाम को गुजरात के कच्छ, सौराष्ट्र इलाके मांडवी तट और पाकिस्तान के कराची पोर्ट से गुजरेगा. इस क्रम हवा की गति 125-135 किलोमीटर प्रति घंटा रहने का आकलन है. यह 150 किमी प्रति घंटे तक भी जा सकती है.