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विपक्षी दलों की बैठक पर सुशील मोदी का ताना, बोला- 'दिल मिले या ना मिले, हाथ अवश्य मिलाएंगे'

संवाद 


बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार (23 जून) को विपक्षी दलों की बैठक हो रही है. बैठक की मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) कर रहे हैं. इसके पीछे का वजह बीजेपी को 2024 के लोकसभा चुनाव में मात देना है. विपक्षी दलों की हो रही बैठक पर बीजेपी नेता सुशील मोदी (Sushil Modi) ने आक्रमण बोला है. इन्होंने  बोला कि चाय पर एकत्र होने का मतलब विपक्षी एकत्व नहीं है और एक साथ बैठ कर खाना खा लेने का मतलब विपक्ष का इकट्ठा होना नहीं है. उन्होंने इस बैठक को "दिल मिले या ना मिले, हाथ मिलाएंगे" करार दिया है. इस दौरान इन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi), दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर भी निशाना साधा है. 


सुशील मोदी (Sushil Modi) ने बोला कि बिहार में विपक्ष तो पहले से इकट्ठा है लेकिन क्या बंगाल, उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में विपक्ष इकट्ठा हो पाएगा.


 इसके साथ ही इन्होंने बोला कि क्या बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) कांग्रेस के लिए सीट छोड़ेंगी? पूर्व सीएम ने ममता बनर्जी पर ताना कसते हुए बोला कि बंगाल की सीएम अक्सर बोलती हैं कि कांग्रेस बंगाल छोड़ो, आपको बंगाल में लड़ने की जरुरत नहीं है. तो क्या कांग्रेस बंगाल को ममता बनर्जी के भरोसे छोड़ देगी? इन्होंने आगे बोला कि अगर विपक्ष एक हो गए हैं तो पहले बंगाल की लड़ाई में एकत्व का प्रदर्शन करें. बंगाल में पंचायत का चुनाव हो रहा, वहां क्यों अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury)को धरना पर क्यों बैठना पड़ा? दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर बीजेपी नेता सुशील मोदी ने तीखा आक्रमण किया. इन्होंने बोला कि अरविंद केजरीवाल शर्त लगा रहे है, बैठक के पहले ब्लैकमेल कर रहे हैं कि पहले मेरे मुद्दे पर जिक्र हो. क्या कांग्रेस अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के हाथ में पंजाब और दिल्ली छोड़ देगी? जिन राज्यों में विपक्षी एकत्व नहीं है क्या वहां ये लोग साथ आ पाएंगे? इन्होंने आगे बोला कि विपक्षी दल की बैठक में भी आधे दर्जन लोग नहीं आए. ये एकत्व "दिल मिले याा ना मिले, हाथ अवश्य मिलाएंगे" वाली है. बीजेपी नेता सुशील मोदी ने बोला कि हर लोकसभा चुनाव के पहले इस प्रकार का एक्सरसाइज होता है. यह पहली बार नहीं हो रहा है. कभी शरद पवार (Sharad Pawar) बैठक बुलाएंगे, कभी राहुल गांधी (Rahul Gandhi) बैठक बुलाएंगे. चूंकि राहुल गांधी के बुलाने पर कोई नहीं आएगा उनसे लोगों को चिढ़ है इसलिए नीतीश कुमार को जिम्मा दिया गया है. पूरे एलायंस में विशेेष बाधा कांग्रेस है. अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, केसीआर ये वन इज टू वन होने देंगे उसके आसार मुझे तो दूर दूर तक नहीं दिखता है. 

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