सर्वेश को बिहार लिबरेशन टाइगर्स आर्मी का स्वयंभू कमांडर माना जाता था.
बताया गया है कि सर्वेश सीतामढ़ी के रुन्नीसैदपुर थाना इलाके के माधोपुर सुल्तानपुर गांव का निवासी था. शनिवार की रात में वह अपने घर के दरवाजे पर बैठा था. इस दौरान बाइक से दो बदमाश उसके पास आए और उसे गोलियों से भून डाला. सर्वेश ने शातिर बदमाशों से बचने के लिए फरार होने का प्रयास भी किया, लेकिन वह बच नहीं सका. गोली की आवाज सुनकर जबतक लोग मौके पर आए, दोनों बदमाश फरार हो चुके थे.
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर आ कर मामले की जांच-पड़ताल में जुट गई. बताया जा रहा है कि वर्ष 2019 में सर्वेश को पुलिस ने गिरफ्तार की थी. चार महीने पहले ही वह जेल से बाहर आया था. वह जेल में भी रहकर रंगदारी वसूला करता था. जेल से ही अपने गैंग का संचालन करता था. वह पुलिस के रडार पर बराबर रहता था. जेल से रंगदारी मांगने की बात सामने आने पर जिला पुलिस के द्वारा उसे केंद्रीय कारा, भागलपुर स्थानांतरित कर दिया गया था. साल 2020 में उसके घर पर गुंडों ने फायरिंग भी की थी, हालांकि तब सर्वेश दास जेल में ही बंद था.