इन्होंने बोला कि दरभंगा में अगर एम्स का रचना नहीं हुआ तो इतिहास आपको कभी भी माफ नहीं करेगा.
आपने उत्तर बिहार और मिथिला के लाखों लोगों को उपचार कराने से वंचित कर दिया है सिर्फ इसलिए कि उसका श्रेय नरेंद्र मोदी को ना मिल जाए. लोग यह न बोले कि एम्स को नरेंद्र मोदी ने बनवाया.जमीन के रिजेक्ट किए जाने की वजह बताते हुए सुशील कुमार मोदी ने बोला कि नीतीश कुमार पहले बोलते रहे कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड कर एम्स बना दिया जाए, फिर इन्होंने बोला कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज परिसर में एम्स रचना के लिए जमीन दे रहा हूं. अब जब कहीं और जमीन दी तो केंद्र की टीम निर्माण स्थल देखने आई तो उसने बोला कि यहां बिल्डिंग बनाना मुमकिन ही नहीं है. उसके बाद रिजेक्ट कर दिया. सुशील मोदी ने बोला कि 5 वर्ष से ऊपर होने को चला है, लेकिन आज तक दरभंगा एम्स का निर्माण शुरू नहीं हो पाया क्योंकि बिहार सरकार जमीन उपलब्ध नहीं करा रही.सुशील मोदी ने बोला कि प्रगति के मुद्दे पर सियासत नहीं होनी चाहिए. जान समझर बिहार सरकार ने एम्स के लिए जमीन नहीं दी. इन्होंने बोला कि देश के हर राज्य में एक एम्स निर्माण का प्रावधान है, लेकिन कश्मीर के बाद बिहार को दूसरा एम्स मिला. वहीं इन्होंने बोला कि समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला कि जेडीयू के 20 सांसदों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है कि दरभंगा से एम्स को हटाकर सहरसा में बनाया जाए. जो लोग एम्स के साथ सियासत कर रहे हैं वह लोग कान खोल कर सुन लें, लोकसभा के चुनाव में आप एक भी सीट मिथिलांचल से जीत नहीं पाएंगे.जारी पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बोला है कि जो जमीन एम्स के रचना के लिए दी गई है वह उपयुक्त नहीं है. शोभन में दी गई जमीन काफी लोलैंड है जहां मिट्टी की भराई पर खर्च और वक्त दोनों बाधक बनेगा. यहां एम्स का रचना निर्धारित वक्त पर कराया जाना मुमकिन नहीं है. मिट्टी की गुणवत्ता और जलजमाव के वजह भवन की हिफाजत भी निश्चयात्मक नहीं की जा सकती.