अपराध के खबरें

क्या बिहार शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन की बढ़ेगी तारीख? सुशील कुमार मोदी ने बताया कारण


संवाद 

पूरे बिहार में शिक्षक भर्ती (Bihar Teacher Recruitment) को लेकर बवाल मचा हुआ है. इस नियुक्ति में सरकार की नीतियों का विरोध अभ्यर्थी कर रहे हैं. वहीं, इस मुद्दे को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने गुरुवार को बोला कि स्कूली शिक्षकों से लेकर कॉलेज के सहायक प्राध्यापकों तक की नियुक्ति में अराजकता फैलाकर नीतीश कुमार (Nitish Kumar)ने बिहार की शिक्षा बंदोबस्त का पूरा बंटाधार कर दिया है. मात्र 50 हजार आवेदन आए हैं और अंतिम तिथि 12 जुलाई है. आवासीय नीति में परिवर्तन कर सरकार ने बाहरी लोगों को मौका देने के लिए अंतिम तारीख आगे बढाने का बहाना खोज लिया. सीटीईटी और अन्य शिक्षक पात्रता परीक्षाएं उत्तीर्ण लोगों को भी फिर भर्ती परीक्षा देने के लिए बाध्य करना न्यायोचित नहीं है.

सुशील कुमार मोदी ने बोला कि नीतीश कुमार उदारता दिखाएं और सभी नियोजित शिक्षकों को बिना इम्तिहान लिए राज्यकर्मी का दर्जा दें. 

नीतीश कुमार बताएं कि 12 दिन के अंदर 9 बार नियमावली में संशोधन क्यों करना पड़ा? विज्ञापन प्रकाशित होने के महीने-भर बाद सरकार आवासीय मुद्दे पर सफाई दे रही है. मुख्यमंत्री बताएं कि किसके बोलने पर बार-बार नियम बदले गए? यदि पहले भी बाहरी अभ्यर्थियों को बिहार की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित होने की इजाजत दी गई थी, तो यह ऐलान 30 मई के पहले विज्ञापन में ही क्यों नहीं की गई?बीजेपी नेता ने बोला कि आवासीय प्रमाणपत्र बनवाने में हजारों छात्रों के लाखों रुपए जो नष्ट हो गए, उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार देने के बजाय कभी रामचरित मानस तो कभी ड्रेस कोड का मुद्दा उठाकर ध्यान भटकाना चाहती है. चार लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों में से मात्र 1200 लोगों ने आवेदन किया है. यह प्रमाणित करता है कि नई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के प्रति लोगों में कितना आक्रोश है.

إرسال تعليق

0 تعليقات
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live