बड़े एवं छोटे शहरों के ब्रांडेड प्राइवेट स्कूलों में रंग-बिरंगे यूनिफॉर्म पहन कर हंसते-खिलखिलाते हुए बच्चों को देखकर मन तो अत्यंत प्रसन्न होता है लेकिन ये बच्चे किसी सामान्य गांव का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। आजादी के अमृत महोत्सव मना रहे इस देश में आज भी करोड़ों बच्चे स्कूलों की बजाए कल-कारखानों, ढाबों और खतरनाक कहे जाने वाले उद्योगों में कार्य कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर लेट्स इंस्पायर बिहार अभियान के पटना अध्याय द्वारा राजेंद्र नगर शाखा मैदान स्थित स्लम बस्ती में पल रहे बच्चों के बीच निःशुल्क पठन पाठन सामग्री का वितरण किया गया। मौके पर उपस्थित मुख्य समन्वयक ओ पी सिंह ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में करीब 2 करोड़ बच्चें बाल श्रमिक के रूप में कार्य करते हैं। इन बालश्रमिकों में से 19 प्रतिशत के लगभग घरेलू नौकर हैं तथा शेष ग्रामीण और असंगठित क्षेत्रों के कार्यों में जुड़े हुए हैं। कार्यक्रम का संयोजन कर रहे बाबू भाई ने कहा कि सामान्य चाय के दुकानों एवं भोजनालयों में अक्सर हम पाते हैं कि किसी न किसी का बचपन चाय का कप और जूठे बर्तनों को धोने में बर्बाद हो रहा है जिसका कुप्रभाव उसके आनेवाले पीढ़ियों पर भी पड़ता है। इस अवसर पर अध्याय से जुड़े सतीश गांधी, अभिनन्दन यादव, सोनू कुमार ठाकुर, कृष्णा कुमार, दीपू राज, केशरी टाइगर, सोनू राज, रौशन राज, नीतिश कुमार, शिवम कुमार, अविनाश कुमार, अभिषेक कुमार, आकांक्षा इत्यादि की गरिमामयी उपस्थिति रही।