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'मुझे खत्म करने के लिए कई बड़ी सियासी शक्ति लगी हुईं हैं', इशारों-इशारों में चिराग पासवान बोल गए बड़ी बात

संवाद 


लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) शुक्रवार को खगड़िया आए हुए थे. उस वक्त इन्होंने महागठबंधन सरकार पर खूब जमकर बरसे. इन्होंने बोला कि आज भी कई बड़ी सियासी शक्ति इस फिराक में लगी हुईं हैं कि कैसे मुझे खत्म कर दिया जाए. आखिर उन सबको मुझसे इतनी घृणा क्यों, क्या गुनाह है मेरा? मेरा गुनाह बस इतना ही है न कि मैं बिहार में बेहतर शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की बात करता हूं. बिहार मे ही बिहारियों को रोजगार देने की बात करता हूं. यहां के किसानों और मजदूरों के अधिकार, महिलाओं की हिफाजत, बुजुर्गों के इज्जत और युवाओं के बेहतर भविष्य की बात करता हूं. बस यही गुनाह है.चिराग पासवान ने बोला कि ना तो मेरे पास आय से ज्यादा संपत्ति है और ना मेरे ऊपर कोर्ट-कचहरी में मुकदमा चल रहा है, लेकिन तमाम लोगों को इस बात से दिक्कत है कि मैं क्यों विकसित बिहार बनाने की बात करता हूं. मैं क्यों बिहारी युवाओं, महिलाओं और बुजूर्गों की आवाज बन रहा हूं. मैं क्यों बिहार को आगे ले जाने की बात कर रहा हूं. अपने विजन ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के बारे में चिराग पासवान ने बोला कि मेरा मकसद केवल सियासत करना नहीं बल्कि बिहार के अधिकार में अपने विजन को साकार करना है. उसे हर हाल में धरातल पर उतारना है, जब तक यह धरातल पर नहीं उतरेगा बिहार विकसित राज्य नहीं बनेगा. नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए चिराग ने बोला कि प्रदेश के मुख्यमंत्री का दायित्व होता है पूरे प्रदेश को एक मुट्ठी में बांधकर रखना, लेकिन यह बिहार का दुर्भाग्य ही है कि हमें एक ऐसा मुख्यमंत्री मिला है जिसने हमे जात-पात और धर्म-मजहब में बांटने कार्य किया है.

 कैसे भाई को भाई से अलग किया जाए, कैसे दलित को महादलित, पिछड़ा को अतिपिछड़ा मे बांटा जाए.

 इन्होंने समाज को कभी अगड़ा-पिछड़ा, कभी लव-कुश, कभी हिन्दू-मुस्लिम और कभी महिला-पुरुष में ही बांटने का कार्य किया है. इन्होंने बांटा और हम बंटे. आज भी आजादी के 75 वर्ष बाद यह गंभीर बात है, जिसे हमें समझना होगा. रालोजपा प्रमुख ने बोला कि आजादी के 75 सालों के बाद भी आखिर क्या वजह है कि हमारा प्रदेश विकसित प्रदेश नहीं बना. देश के तमाम प्रदेश एक साथ आजाद हुए तो क्यों दिल्ली-मुंबई जैसे प्रदेश इतने आगे चले गए और बिहार आजादी के 75 वर्ष बाद भी पिछड़ा प्रदेश कहलाता है. एक ओर जहां दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर और गुजरात जैसे प्रदेशों में आईटी सेक्टर और उद्योगों की बात होती है, मेट्रों ट्रेन से आगे बुलेट ट्रेन की बात होती है लेकिन हमारे बिहार में आजादी के 75 वर्ष बाद भी हम बिहारियों को मूलभूत आवश्यकताओं के लिए तरसना पड़ता है.

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