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उत्तर बिहार में भीषण गर्मी | चांपा कल से पानी निकलने में भी दिक्कत | रक्सौल में पानी के लिए हाहाकार

संवाद 


बिहार में प्री मानसून का दौर है। मौसम में उतार-चढ़ाव के बीच तीन दिनों में गर्मी में थोड़ी कमी आने की उम्मीद है। रविवार को उत्तर मध्य और उत्तर पूर्व बिहार के 14 जिलों में से एक-दो जगह हल्की वर्षा हो सकती है।
हर दिन दो से ढाई डिग्री तक बढ़ रहा तापमान, भीषण गर्मी से आम जनजीवन बेहाल; तीन दिनों के बाद बदलेगा मौसम। 

 बिहार में मौसम काफी तेजी से बदल रहा है। भीषण गर्मी और तेज धूप से जनजीवन बेहाल है। रविवार को भी तापमान में गिरावट की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग की मानें तो रविवार को वर्षा की कोई संभावना नहीं है। उत्तर मध्य और उत्तर पूर्व बिहार के 14 जिलों में से एक-दो जगह हल्की वर्षा हो सकती है।

वहीं, अगले तीन दिनों में प्रदेश के अधिकांश हिस्सों के तापमान में कमी आने की उम्मीद है। इससे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है। शनिवार को राज्य का अधिकांश भागों का मौसम शुष्क रहा। राज्य में शनिवार को मधुबनी, अररिया एवं कटिहार में हल्की वर्षा रिकार्ड की गई।

हालांकि, दक्षिण बिहार में लगातार दो से ढाई डिग्री तक तापमान में वृद्धि हो रही है। राजधानी पटना में बीते दो दिनों के दौरान तापमान में 4.8 डिग्री की वृद्धि हुई है। पटना में गुरुवार को 37 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था, जो शनिवार को 41.8 डिग्री तक बढ़ चुका था।

पटना मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानियों का कहना है कि वर्तमान में प्री मानसून का दौर है। ऐसे में मौसम में उतार-चढ़ाव होना एक सामान्य प्रक्रिया है। फिलहाल बिहार के पश्चिमी भाग से लेकर तेलंगना तक एक ट्रफ लाइन गुजर रही है। इससे अगले तीन दिनों में गर्मी में थोड़ी कमी आने की उम्मीद है।
आम और सब्जी के लिए वरदान साबित हो रही वर्षा
उत्तर मध्य और उत्तर पूर्व बिहार के जिलों में रुक-रुक कर हो रही बारिश से फल और सब्जी की फसलों को काफी फायदा हुआ है। कृषि प्रौद्योगिकी एवं प्रबंध अभिकरण के उप परियोजना निदेशक वृजेंन्द्र मणि का कहना है कि वर्तमान में हो रही बारिश से आम की फसल को काफी फायदा होगा।

इसके अलावा सब्जी की फसलों को भी लाभ हाेने की उम्मीद है। हालांकि, लीची से बारिश से नुकसान हो सकता है। पेड़ों पर लगभग पक चुके लीची में वर्षा के बाद कीड़े लग सकते हैं। सब्जी की फसल वाले किसानों को सावधान रहने की जरूरत है। वर्षा के बाद खेतों में पानी लगने से फसल सूखने का खतरा रहता है।

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