30 मई से 30 जून तक बीजेपी की तरफ से बिहार में जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत कई जिलों में प्रोग्राम किए जा रहे हैं. जून में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) बिहार दौरे पर आ सकते हैं. इसकी जानकारी पहले ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) ने दे दी है. हालांकि अभी तारीख का ऐलान नहीं किया गया है. प्रधानमंत्री के आने पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने गुरुवार (8 जून) को मीडिया के प्रश्नों का जवाब देते हुए फिर से बड़ी मांग कर दी है.तेजस्वी ने मीडिया से बोला कि इन सब बातों को छोड़िए. प्रधानमंत्री आ रहे हैं तो यह अच्छी बात है. कोई भी कहीं भी आ-जा सकता है, वे तो प्रधानमंत्री हैं. अगर प्रधानमंत्री आ रहे हैं तो कुछ बिहार के लिए ध्यान दें. बिहार को खास राज्य का दर्जा दें. विशेष पैकेज देने की ऐलान करें. असल बात यह है कि यह लोग डरे हुए हैं, कितना बार तो अमित शाह आए हैं. पटना में 23 जून को होने वाली विपक्षी एकत्व की बैठक को लेकर तेजस्वी यादव ने बोला कि देश की सभी विपक्षी पार्टियां इकट्ठा हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ही सुझाव दिया था कि पहली बैठक पटना में हो और सबकी सहमति बन गई.
तेजस्वी ने बोला कि जेपी आंदोलन की प्रारंभ बिहार से ही हुई थी.
कोई आंदोलन, बड़े परिवर्तन या बदलाव की बात आती है तो बिहार से ही इसकी प्रारंभ होती है. इसका पुराना इतिहास रहा है. इस बार भी बिहार से विपक्षी एकत्व की प्रारंभ होने जा रही है. सभी पार्टी के लीडर रहेंगे, प्रतिनिधि नहीं रहेंगे. इन्होंने बोला कि सिर्फ केसीआर से बात नहीं हो पा रही है. बाकी 15 पार्टी के मुख्य लीडर बैठक में भाग लेंगे. कांग्रेस से राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी रहेंगे. वहीं भागलपुर में पुल गिरने के मामले पर बीजेपी द्वारा सीबीआई से जांच-पड़ताल कराने की मांग पर तेजस्वी यादव ने बोला कि यह पुल पहले भी गिरा था. उस वक्त बीजेपी की सरकार थी. बीजेपी के ही पथ निर्माण मंत्री थे तो फिर सीबीआई से जांच-पड़ताल क्यों नहीं करवाई गई थी? हम इसे पॉलिटिकल नहीं होने दे रहे हैं. सारी सामग्री हैं, रिपोर्ट है उसी आधार पर कार्य हो रहा है.