भागलपुर में पुल ध्वस्त होने के घटना को लेकर बीजेपी द्वारा उठाए जा रहे प्रश्न पर उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने मंगलवार (6 जून) को करारा जवाब दिया. बोला कि कौन क्या बोलता है इससे कोई मतलब नहीं है. हम लोग अपना कार्य कर रहे हैं. इन्होंने बोला कि जो पुल ध्वस्त हुआ है उसकी जांच-पड़ताल हम लोग करवा रहे हैं. इसमें आईआईटी रुड़की ने पहले भी जांच रिपोर्ट दी थी. इस बार भी जांच के लिए उन्हें सौंपा गया है. उसमें इंजीनियर लोग जांच-पड़ताल करेंगे. सीबीआई इंजीनियर तो नहीं है कि उन्हें सौंपा जाए.जांच में फॉल्ट आने के बाद भी कार्य प्रारंभ हो जाने की बात पर तेजस्वी यादव ने बोला कि नवंबर और दिसंबर में इसकी समीक्षा हुई थी. उस वक्त पिलर नंबर पांच में फॉल्ट की बात आई थी. उसी समय हमने बोला था कि पिलर नंबर पांच को तोड़ा जाएगा और आईआईटी रुड़की को उसी समय यह सब कुछ दे दिया गया था. उसमें जो आदेश दिया गया था इसी के आधार पर हम लोगों ने कार्य प्रारंभ करवाया था.
तेजस्वी यादव ने बोला कि जब पहली बार पुल टूटा था तो सबसे पहले हमने उस मामले को उठाया था.
उसके बाद उस समय के पथ निर्माण मंत्री नितिन नबीन ने जांच का निर्देश दिया था. जांच रिपोर्ट भी आई. पुल की गुणवत्ता को लेकर पहले से ही मुझे संदेह था. हमने जांच-पड़ताल के लिए निर्देश दिया है. आईआईटी रुड़की की रिपोर्ट आने के बाद नए सिरे से पुल का रचना कराया जाएगा.डिप्टी सीएम ने बोला कि करीब 50 सेगमेंट बने हुए हैं उसे भी तोड़ा जाएगा. जो भी इस घटना दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी. यह सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2014 में ही शिलान्यास किया था. हम लोग भी लगे हुए हैं कि पुल का रचना जल्द से जल्द हो. खर्च के बारे में तेजस्वी ने बोला कि जो एग्रीमेंट है उसके अनुकूल एजेंसी से जो भी गलतियां हुई हैं उसके अनुकूल उसकी राशि वसूली जाएगी.