नीतीश कुमार ने खुद मान लिया है कि उनके चेहरे पर एक भी मतदान नहीं मिलने वाला है.
आज जेडीयू के बैनर तले सियासत करने वाले लोग समझ रहे हैं कि धीरे-धीरे जेडीयू की नाव डूब रही है. नीतीश कुमार की पार्टी पर आक्रमण करते हुए पीके ने बोला कि आज जेडीयू का कोई फ्यूचर नहीं है. बड़ी संख्या में जेडीयू में जो कार्य करने वाले लोग हैं उन्हें इस बात का एहसास हो गया है कि जब नीतीश कुमार के नाम पर मतदान नहीं पड़ेगा, जेडीयू का संगठन है नहीं तो उनका क्या होगा. चुनाव जैसे-जैसे पास आएगा जेडीयू के नाम की पार्टी का बचना और उस पार्टी के नाम पर मतदान पड़ना बहुत मुश्किल दिखता है.प्रशांत किशोर ने बोला कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बन जाएं या प्रधानमंत्री का चेहरा बन जाएं, सच्चाई ये है कि बिहार नीतीश कुमार की जागीर नहीं है. बिहार की जनता यह भी देखेगी कि नीतीश कुमार नेता होने के नाते, सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते, राजनीतिक कार्यकर्ता आपने समाज के लिए कार्य क्या किया है?