चिराग पासवान ने बोला कि विपक्षी एकत्व एक साथ हाथ खड़े करके पिक्चर खिंचवाने के लिए ठीक है.
मैं 2014 से देखते आ रहा हूं. यह लोग एक होने के नाम पर पिक्चर तो खिंचवाते हैं, लेकिन चुनाव आते-आते भानुमति का कुनबा बनते-बनते बिखर जाते हैं. इन्होंने बोला कि जहां तक विपक्षी एकत्व की बात है तो देश में कई राज्यों के मुख्यमंत्री की अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा है. कई मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री बनने की रेस में हैं. ऐसे में सारे एक होकर किसी एक को नेतृत्व सौंप दें यह हो नहीं सकता है. जहां तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बात है तो विपक्ष कभी इनको स्वीकार नहीं करेगा. बिहार की जनता भी इन्हें प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करेगी. नीतीश कुमार को तो मुख्यमंत्री के रूप में भी जनता ने जब स्वीकार नहीं किया तो प्रधानमंत्री के रूप में कैसे स्वीकार करेगी?चिराग पासवान आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन करेंगे लेकिन कब करेंगे इसका अभी खुलासा इन्होंने नहीं किया है. चिराग पासवान पहले सभी पार्टियों को अपनी शक्ति दिखाना चाहते हैं. यही कारण है कि वो 28 नवंबर को पार्टी के स्थापना दिवस पर पटना के गांधी मैदान में एक विशाल रैली करने जा रहे हैं. इस रैली के माध्यम वे अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर गठबंधन में दबाव बना सकते हैं.चिराग पासवान ने बताया कि मेरा जो एजेंडा है 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' वह 2020 से चल रहा है. हमने एक व्हाट्सएप नंबर 7091776634 जारी किया है जो सोशल मीडिया पर है. बिहार की जनता अपनी मुसीबत या अपना सुझाव इस नंबर पर देंगे और उस सुझाव को हम लोग देखेंगे. अच्छा सुझाव होगा तो उस पर हम लोग कार्य करेंगे.चिराग ने बोला कि गठबंधन किससे होगा, कितनी सीटों पर हम चुनाव लड़ेंगे यह सब चुनाव के समय तय किया जाएगा. मेरा पहला लक्ष्य है कि बिहार की सारे जनता हमें सलाह दे. उनके सलाह पर कार्य करें. सात लोगों की कमेटी बनाई गई है और जनता के सलाह को कमेटी फैसला लेकर आगे का कार्य करेगी.