वहीं, जेडीयू एमएलसी ने प्रदेश अध्यक्ष पर गंभीर इल्जाम लगाए हैं.
उपेंद्र कुशवाहा ने बो कि एक से दो महीना या चुनाव के वक्त कई लोग जेडीयू छोड़ेंगे. कुछ हमारे साथ और कुछ बीजेपी में जा सकते हैं, लेकिन जेडीयू से कई लोग निकलने वाले हैं. वहीं, उपेंद्र कुशवाहा के बयान के साथ-साथ जेडीयू में भी बगावत का दौर प्रारंभ हो गया. जेडीयू कोटे के विधान पार्षद रामेश्वर महतो ने अपने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर खूब जमकर आक्रमण बोला है. रामेश्वर महतो ने बोला कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री आवास पर कुशवाहा समाज के लोगों की बैठक हुई थी. इसका नेतृत्व उमेश कुशवाहा ने किया था लेकिन मुझे आमंत्रित तक नहीं किया गया. मैं भी कुशवाहा समाज से आता हूं. उमेश कुशवाहा की क्या मंशा है यह तो वही जाने, लेकिन मैं अपने नेता नीतीश कुमार पर पूरी आस्था रखता हूं.रामेश्वर महतो ने बोला कि उमेश कुशवाहा जब किसी तरह की बैठक करनी थी तो एक बार हमसे राय लेना चाहिए था, लेकिन उमेश कुशवाहा ने कुछ चंद लोगों को अपने पाले में करके मुख्यमंत्री के सामने बैठक कर दिया. यह पार्टी हित के लिए अच्छा नहीं है. हम लोग पार्टी को आगे बढ़ाना चाहते हैं लेकिन प्रदेश अध्यक्ष पार्टी को पीछे धकेलने में लगे हुए हैं. रामेश्वर महतो ने बोला कि अपने स्वार्थ के लिए उमेश कुशवाहा पार्टी में गुटबंदी कर रहे हैं.वहीं, इस पूरे प्रकरण पर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने रामेश्वर महतो के बयान को जवाब देते हुए बोला कि जो धूर्त, आधारहीन और जो स्वार्थी व्यक्ति हैं उन पर मैं कुछ नहीं बोलना चाहता हूं और मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. इन्होंने एमएलसी रामेश्वर महतो पर बोला कि जो पार्टी में नहीं है उन पर मैं क्या बोल सकता हूं, लेकिन जब बात गुटबंदी का किया गया तो इन्होंने बोला कि मैं प्रदेश अध्यक्ष हूं अगर मेरी शिकायत कोई करता है तो उसके लिए हमारे नेता हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, लेकिन इस तरह से मीडिया में बयान देकर कुछ बोलना कितना उचित है? पार्टी के कार्यकर्ता हैं लेकिन वह तो बीजेपी की भाषा बोलते हैं.वहीं, उपेंद्र कुशवाहा के वर्णन पर उमेश कुशवाहा ने बोला कि उपेंद्र कुशवाहा हसीन सपना देख रहे हैं. कुछ दिनों में उन्हें पता लग जाएगा. उपेंद्र कुशवाहा समाजवाद की बात करते थे लेकिन वह कहां चले गए? बिहार की जनता सब कुछ समझ चुकी है वह जो खेला खेल रहे हैं उसको जनता भी देख रही है.