चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) निरंतर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर हमलावर हैं. सोमवार (19 जून) को इन्होंने सीएम सीएम नीतीश की विपक्षी गोलबंदी पर तीखा आक्रमण किया. प्रशांत किशोर ने बोला कि बिहार में जो राजनीतिक घटनाक्रम बदला है उसको मैं राज्य की घटना मानता हूं. इससे देश की सियासत में कोई फर्क पड़ेगा. ऐसा मेरी समझ से मुमकिन नहीं है. न तो विपक्ष की गोलबंदी में और न ही पक्ष की गोलबंदी में मेरी भूमिका है.दरअसल, 23 जून को विपक्षी एकत्व को लेकर बिहार की राजधानी पटना में एक बड़ी बैठक होने वाली है. जाहिर है उसको लेकर राजनीति भी खूब हो रही है. प्रशांत किशोर ने बोला कि चाहे जिस फॉरमेशन में हो, बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया है. सीएम नीतीश को लेकर पीके ने बोला कि पहली प्राथमिकता बिहार के प्रगति के लिए होनी चाहिए चाहे विपक्ष की गोलबंदी हो या न हो.पीके ने बोला कि मेरी अपनी थोड़ी बहुत जो राजनीतिक समझ है,
अभी बिहार में नीतीश कुमार विपक्ष की गोलबंदी कर रहे हैं
उसकी विश्वसनीयता कितनी है ये तो बिहार की जनता पर छोड़ना पड़ेगा. मुझे ऐसा नहीं लगता है कि बिहार में जो नया राजनीतिक प्रयोग हुआ है उसका देशव्यापी कोई नतीजा होगा. मैंने अपने वक्तव्य में जो महागठबंधन की सरकार बनी है उस पर बोला है. पीके ने बोला कि कोशिश करने के लिए हर व्यक्ति स्वतंत्र है.बता दें कि विपक्षी एकत्व की बैठक को लेकर नीतीश कुमार जोर शोर से लगे हैं. 23 जून को बैठक होने वाली है. खबर यह भी है कि 20 जून को सीएम नीतीश कुमार तमिलनाडु दौरे पर जाएंगे. वो वहां चेन्नई में सीएम एमके स्टालिन से भेंट करेंगे. और बता दे कि विपक्षी एकत्व की होने वाली बैठक में आने के लिए आमंत्रित करेंगे.