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'बिहार कोई नीतीश कुमार की जागीर नहीं है', PK का CM पर ताना, तेजस्वी यादव के लिए बोली 'बल्ले-बल्ले' वाली बात

संवाद 


चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने मंगलवार (20 जून) को इन्होंने सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर तीखा आक्रमण किया. पीके ने बोला कि 2020 के चुनावों के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है न कि जेडीयू. वह यहीं नहीं रुके इन्होंने नीतीश कुमार पर ताना कसते हुए आगे बोला कि बिहार कोई नीतीश कुमार की जागीर नहीं है, जिसको अपना चेहरा बनाना है बना दें.पीके ने डिप्टी सीएम के लिए बल्ले बल्ले वाली बात बोल दी. सीएम नीतीश को राय देते हुए बोला कि तेजस्वी यादव को अभी ही बिहार का सीएम बना दीजिए ताकि 2025 तक तेजस्वी यादव को 3 वर्ष तक कार्य करने का मौका मिल जाए और राज्य की जनता को उनके प्रदर्शन के आधार पर उन्हें मतदान देने का मौका मिले. 

प्रशांत किशोर ने बोला कि नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने की जिक्र मुझे कहीं नहीं सुनाई दे रही है. 

उनकी विश्वसनीयता आज की तिथि में ऐसी हो चुकी है कि उनका पीएम बनना तो दूर उनके बिहार का सीएम बने रहने पर भी संकट है.चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपने वर्णन में आगे बोला कि तेजस्वी यादव ने यह बात बोली थी कि वह जब सरकार में आएंगे तो पहली कलम से दस लाख नौकरी युवाओं को देंगे. पिछले 3 महीने से ज्यादा वक्त से वह कैबिनेट में हैं. कैबिनेट के फैसले में कई बार इन्होंने सिग्नेचर भी किया होगा. मैं यह सोच रहा हूं कि जो 10 लाख वाला निर्णय था उसका क्या हुआ? कलम टूट गई या स्याही सूख गई, ये तो नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ही बताएंगे. ये झूठे वादे करना, लोगों को भ्रम में डालकर मतदान लेना इनकी पुरानी फितरत है.पीके ने बोला कि नीतीश कुमार ने अपने वर्णन में भी यह स्वीकार कर लिया है कि उनके चेहरे पर और तीर छाप के बटन पर अब कोई जीतने वाला नहीं है. ये दल तो बचेगा ही नहीं क्योंकि नीतीश कुमार ने खुद ही मान लिया है कि उनके चेहरे पर मतदान नहीं मिलेगा. तेजस्वी यादव को जिम्मेवारी दें कि उनमें कितनी प्रतिभा और क्षमता है.

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