क्या आपने सुना है कि जीतन राम मांझी किसी दलित के लड़के को बिहार का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं?
जीतन राम मांझी सिर्फ अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के बारे में सोचते हैं. अगर उन्हें दलित समाज की फिक्र होती तो क्या दलित समाज में दूसरा कोई काबिल आदमी उन्हें नहीं मिलता?पीके ने आगे बोला कि क्या आपने कभी सुना है कि लालू यादव ने बोला हो कि यादव समाज का लड़का बिहार का अगला मुख्यमंत्री बनेगा? क्या यादव समाज में इनके लड़के के अलावा और कोई पढ़ा-लिखा आदमी नहीं है? आज सब नेता अपने-अपने परिवार को सियासत में लाने और कोई न कोई पद दिलवाने में लगे हैं. नेता जाति की सियासत किसी सूरत में नहीं करना चाहते. आज नेता सिर्फ अपना और अपने लड़के की फिक्र कर रहे हैं. जाति-धर्म के फेर में आप आम लोग पड़े हैं.बता दें कि संतोष मांझी के त्यागपत्र के बाद बिहार की राजनीति गरमाई हुई है. यह बोलकर त्यागपत्र तो दे दिया कि जेडीयू की तरफ से उनकी पार्टी के विलय के लिए दबाव बनाया जा रहा था, लेकिन अब चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इस त्यागपत्र के बाद जीतन राम मांझी पर ही आक्रमण बोला है.